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सौर ऊर्जा से चलेगा ये रेफ्रिजरेटरः सुरक्षित रहेगी जीवनरक्षक दवाएं और वैक्सीन
Last Updated on April 24, 2022 by sintu kumar
कानपुर। जिन स्वास्थ्य केन्द्रों पर बिजली की समस्या है, अब उन केंद्रों पर भी बिजली से चलने वाले उपकरणों के अभाव में वैक्सीन खराब नहीं होंगे। वजह, एक्सिस कालेज कानपुर के बीटेक थर्ड ईयर के एक छात्र समरजीत सिंह ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है। सौर ऊर्जा से चलने वाले रेफ्रिजरेटर से जीवनरक्षक दवाओं और वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सकेगा। छात्र समरजीत सिंह का दावा है कि यह उपकरण ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए वरदान साबित होगा। समरजीत ने इसके पेटेंट के लिए अप्लाई किया है। समरजीत सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला सौर ऊर्जा अब ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाओं को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जहां बिजली और अन्य संसाधनों की दिक्कत बनी रहती है, उन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से रेफ्रिजरेटर चलाया जा सकेगा। हमने एक सोलर रेफ्रिजरेटर का निर्माण किया है। यह अभी प्रोटोटाइप बनाया गया है। इसमें कंप्रेसर का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
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कंप्रेसर की जगह थर्मो इलेक्ट्रिक का प्रयोग
उन्होंने बताया कि इसे अभी बोर्ड में बनाया गया है। इसमें सोलर प्लेट लगी है। एक बैटरी का भी इस्तेमाल हुआ है। कंप्रेसर की जगह थर्मो इलेक्ट्रिक का प्रयोग हुआ है। सप्लाई देते समय इसमें तापमान डिफेंरस पैदा होगा और इसके बाद तापमान घट जाएगा। उन्होंने बताया कि रेफ्रिजरेटर 4 घंटे की सोलर पैनल से चाजिर्ंग करने पर लगभग 12 घंटे चलेगा। इसमें एक अतिरिक्त बैटरी है, जो सोलर डिस्चार्ज होने पर भी यह कार्य करेगी। यह पूरी तरीके से इको फ्रेंडली है। अभी यह 5 लीटर की क्षमता वाला है। यह काफी कम वजन वाला है। एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी होगी। रेफ्रिजरेटर को चलाने के लिए किसी सप्लाई की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि इसे बनाने में तकरीबन 3000 से 3500 रूपए का खर्च आया। समरजीत ने बताया कि दुर्गम क्षेत्रों पर तैनात सैनिकों के लिए भी सोलर पैनल से चलने वाला रेफ्रिजरेटर उपयोगी होगा। सैनिकों को ठंडा पानी और सुरक्षित खाना मिल सकेगा। इस रेफ्रिजरेटर में खाद्य सामाग्री और पेय पदार्थों को सुरक्षित रखा जा सकता है। सैनिकों के लिए इंजेक्शन और दवाएं भी सुरक्षित रखी जा सकती हैं।
मेडिकल और सैन्य क्षेत्रों के लिए उपयोगी
कालेज के डायरेक्टर डा. आशीष मलिक ने बताया कि यह बहुत अच्छा इनोवेशन है। बिना बिजली खर्च किए मेडिकल और सैन्य क्षेत्रों के लिए उपयोगी हो सकता है। काफी सस्ता भी होगा। यह सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाला अविष्कार है।देवरिया के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. मनोज जैन ने बताया कि इस प्रकार के रेफ्रिजरेटर की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि ग्रामीण अंचलों में बिजली का अभाव है। वैक्सीन व अन्य दवाएं भी एक सुरक्षित तापमान में रखा जाना आवश्यक होता है। इनके रखरखाव में काफी मैनपावर व ऊर्जा का अपव्यय होता है। इधर, नए रेफ्रिजरेटर में तापमान मॉनीटर करने के लिए चिप लगे हैं। इस रेफिजरेटर के होने से ग्रामीण हेल्थ सेंटरों में सहूलियतें बढ़ जाएंगी।
–आईएएनएस