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लाहुल की मयाड घाटी के लोग राहत के इंतजार में, तीन दिन बीत गए नहीं आया कोई
Last Updated on July 30, 2021 by Sintu Kumar
केलांग। हिमाचल के लाहुल स्पीति (Lahaul Spiti) में आई बाढ़ के बाद भारी नुकसान हुआ है। लाहुल की मयाड घाटी में जगह जगह भूस्खलन (Landslide) हुआ है। ग्रामीणों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। जिला में आई इतनी भंयकर त्रासदी के बाद भी प्रदेश सरकार ने घाटी के लोगों को कोई राहत नहीं दी है। घटना के तीन दिन बाद भी प्रशासन की तरफ से ना कोई राहत और ना ही बचाव दल मौके पर पहुंचा है। यह आरोप एलपीएस चेयरमैन, एवं लाहुल स्पीति एकता मंच (Lahaul Spiti Ekta Manch) अध्यक्ष सुदर्शन ज़स्पाने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शुक्रवार को मयाड घाटी के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि पूरी घाटी में बाढ़ से जगह जगह भूस्खलन से सड़कें टूटी हुई हैं। ग्रामीणों का मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। तमलू से पांच किलोमीटर पैदल चल कर चांगुट पहुंचना पड़ रहा है। ग्रामीणों की खेत में खड़ी फसल 70 प्रतिशत से अधिक बाढ़ की चपेट में आ कर बर्बाद हो चुकी हैं।
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बेहद निराश और हताश लोग एकटक नजर गढ़ाए हुए कहीं से कोई राहत आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन एक बार फिर यह साबित हुआ है कि शासन-प्रशासन लाहुल स्पीति के लोगों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। घटना के तीसरे दिन बाद भी प्रशासन की ओर से बचाव और राहत (Rescue and Relief) के लिए कोई पहल नहीं हुई है। दूरदराज़ के इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं ना के बराबर हैं। ऐसी जगह में इतनी बड़ी त्रासदी के बाद ना कोई मेडिकल टीम, ना कोई रेस्क्यू टीम आई है। बस एक पटवारी और लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारी को मौके पर भेज लीपापोती की कोशिश की गई है, लेकिन अब गांववालों ने भी मांग की है एसडीएम (SDM) के मौके पर आने के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की जाए। घाटी से बाहर निकलने के बाद से मैं भी एसडीएम उदयपुर से संपर्क साधने की लगातार कोशिश कर रहा हूं पर सिग्नल नहीं होने के चलते कामयाबी नहीं मिल पा रही है।
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