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तय समय में फ्लैट और दुकान का कब्जा ना देने पर #RERA ने प्रमोटर पर लगाया 25 लाख का जुर्माना
Last Updated on November 6, 2020 by Deepak
शिमला। आवंटियों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) हिमाचल प्रदेश ने प्रमोटर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रेरा हिमाचल प्रदेश के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि प्राधिकरण ने ‘न्यू टाउन बद्दी’ में आवंटियों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने और अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रहने पर प्रोमोटर गुप्ता प्रॉपर्टी डवेल्पर्ज प्राइवेट लिमिटेड बद्दी जिला सोलन को 25 लाख रुपये का जुर्माना (Fine) लगाया है। प्राधिकरण ने आवंटी संदीप कुमार तथा अदित कंसल द्वारा रेरा में डेवलपर के खिलाफ दायर शिकायत की सुनवाई के उपरांत प्रोमोटर को इन दोनों ही आवंटियों द्वारा जमा की गई राशि रिफंड करने के निर्देश दिए, क्योंकि प्रमोटर द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर फ्लैट व दुकान का कब्जा नहीं दिया गया। संदीप कुमार ने गुप्ता प्रॉपर्टी डवेल्पर्ज प्राइवेट लिमिटेड सोलन में फ्लैट के लिए नौ लाख आठ हजार 980 रुपये तथा अदित कंसल ने 11 लाख 28 हजार रुपये की अदायगी की थी। डेवलपर को यह राशि एसबीआई के ऋण दर की उच्चतम सीमा लागत व दो प्रतिशत अतिरिक्त दर के साथ अदा करनी होगी।
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प्राधिकरण ने साइट का निरीक्षण करने के उपरांत पाया कि डेवलपर (Developer) ने गरीब खरीददारों से धन एकत्रित किया और उन्हें स्वीकृत योजना के अनुसार आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में असफल रहा। जो सुविधाएं प्रदान की गई हैं, वह बहुत ही खराब गुणवत्ता की हैं। आवासीय भवनों में लिफ्ट पूरी तरह से कार्यशील नहीं है और स्वीकृत योजना के अनुसार हरित क्षेत्रों का विकास नहीं किया गया है। रेरा ने डेवलपरप्रमोटर को आगामी तीन माह के भीतर सभी आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। डेवलपरको स्वीकृत ड्राईंग के अनुसार हरित क्षेत्र विकसित करने, मेन गेट स्थापित करने, स्वच्छता बनाए रखने के लिए जरूरी व्यवस्था करने, सभी ब्लॉक और सामान्य क्षेत्र में आंतरिक व बाहरी स्थल पर पेंटिंग करने, सभी ब्लॉक में लिफ्ट कार्यशील करने, क्लब हाउस को सभी सुविधाओं के साथ पूरा करने, मल निकासी प्लांट का सुधार करने, वर्षा जल संग्रहण टैंक का निर्माण करने तथा इन सभी कार्यों के पूर्ण होने के उपरांत पार्किंग क्षेत्र से अस्थायी कार्यालय को हटाने के निर्देश भी दिए हैं।
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प्राधिकरण ने डेवलपर को आगामी तीन माह के भीतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए हैं। यदि आगामी तीन माह के भीतर डेवलपर ये सुविधाएं (Facilities) उपलब्ध करवाने में असफल रहता है तो जुर्माना 50 लाख रुपये तक बढ़ाया जाएगा। प्राधिकरण ने गुप्ता प्रॉपर्टी डवेल्पर्ज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सुभाष गुप्ता को रेरा की वेबसाइट पर यह शपथ-पत्र भी दायर करने के निर्देश दिए कि कम्पनी ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है। वेबसाइट पर शपथ-पत्र अपलोड होने के उपरांत आवंटियों के हितों के दृष्टिगत प्राधिकरण ने रेरा पंजीकरण करने का आश्वासन दिया है। प्राधिकरण ने प्रतिवादी को रेरा पंजीकरण के तीन माह के भीतर परियोजना के लिए पूर्णतः व कब्जा प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात प्रतिवादी को आगामी दो माह के भीतर सभी आवंटियों के पक्ष में कन्वेयन्स डीड का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्राधिकरण ने प्रमोटर कंपनी और इसके सभी निदेशकों को सभी आवंटियों जिन्होंने इस आदेश के पांच माह के भीतर पूरी अदायगी कर दी हो, उनके पक्ष में कन्वेयन्स डीड करने के निर्देश भी दिए।यदि डेवलपर यह कार्य करने में असमर्थ रहता है तो उसे 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। प्राधिकरण ने इस आदेश की पालना पूर्ण होने तक प्रतिवादी को इस परियोजना में फ्लैट व दुकानें बेचने, आवंटित करने और आरक्षित करने पर पाबंदी लगाई है। प्राधिकरण ने शिकायतकर्ता को अदायगी करने और जुर्माने की राशि जमा करवाने तक इस परियोजना से संबंधित डेवलपर के बैंक खातों से किसी भी प्रकार की निकासी पर रोक लगाई है।
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