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शिमला। मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा ऊर्जा नीति में किए गए बदलाव पर हंगामे के बाद स्मॉल हाइड्रो पावर डेवेल्पर्स ने इसकी निंदा की है।
सरकार के पक्ष में उतरते हुए स्मॉल हाइड्रो पावर डेवेल्पर्स के प्रदेशाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि ऊर्जा नीति का विरोध करना तर्क संगत नहीं है। विरोध करने वालों को सरकार की नई नीति के बारे में स्टडी करनी चाहिए, क्योंकि हिमाचल में विद्युत परियोजनाओं के लटकने से सरकार को 8 हज़ार करोड़ का नुकसान हो चुका है।
इसी के चलते सरकार ने ऊर्जा नीति में बदलाव कर इन्वेस्टरों को छूट देने का निर्णय लिया है। सरकार का यह कदम सही है। 2010 में सरकार ने विद्युत परियोजनाओं पर रॉयल्टी बड़ा दी, लेकिन उसी रॉयल्टी को 12 साल के लिए 12 फीसदी ख़त्म किया है।
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