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शिमला। एडीशनल चीफ सेक्रेट्री पद से रिटायर हुए वरिष्ठ आईएएस दीपक सानन ने शनिवार को यहां मीडिया से चर्चा करते हुए वीरभद्र सिंह की पिछली कांग्रेस सरकार पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि शिमला के वाइल्ड फ्लॉवर होटल से जहां सरकार को सालाना एक करोड़ रुपए की आमदनी होनी थी, वहां 23 साल से एक पैसा नहीं आया।
उन्होंने कोरिन होटल बड़ोग का हवाला देते हुए कहा कि इस होटल को वीरभद्र सरकार ने वापस उसी व्यक्ति को दे दिया, जो सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ केस हार गई थी। उन्होंने कहा कि वीरभद्र कैबिनेट ने धारा 118 का जमकर उल्लंघन किया और नियम-कायदों को ताक पर रखकर जिसे चाहे छूट दे दी। यह फैसला वीरभद्र कैबिनेट ने लिया था, जो कि नियमानुसार गलत था।
इसी तरह तेनजिन हॉस्पिटल के मामले में भी धारा 118 का उल्लंघन कर छूट दी गई। रोहतांग रोपवे के मामले में पिछली सरकार ने 2016 में उसी पार्टी को रोपवे का काम दे दिया, जिसका टेंडर पहले रद्द किया गया था। सानन ने आरोप लगाया कि इसमें करोड़ों का घोटाला है। इसी तरह रामपुर के निज़ी मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए नियमों के विपरीत 20.50 लाख रुपए आवंटित किए गए।
सानन ने कहा कि इन सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। इसमें अफ़सरशाही और नेताओं की मिलीभगत है। इन मामलों में मुख्य सचिव को पत्र लिखने के बाद भी अभी तक मौजूदा सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की है। यदि इसकी जांच नहीं होती है तो वह कोर्ट तक जाने को तैयार हैं।
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