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कन्याकुमारी से कश्मीर के कुपवाड़ा तक CDS के निधन पर शोक, माइनस तापमान में निकाला कैंडल मार्च
Last Updated on December 10, 2021 by saroj patrwal
नई दिल्ली। तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों के निधन से पूरा देश शोक में है। कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर तक लोग गम में डूबे हुए हैं। एलओसी के पास जहां मोर्टार और बम बारूद के धमाके और गोलियों की बौछारों की आवाजें सुनाई देती हैं, वहां भी मातम के बोल सुनाई दिए। गुरुवार को कश्मीर के कुपवाड़ा, मछाल, बारामूला, समेत कई जगहों पर ग्रामीणों ने अपने दोस्त जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी।
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यहां के ग्रामीणों ने बताया कि बिपिन रावत सिर्फ सेना के जनरल ही नहीं थे, बल्कि उनके सुख दुख के साथी और दोस्त भी थे। खून जमा देने वाले शून्य से भी नीचे तापमान में उन्होंने सीडीएस की याद में कैंडल मार्च निकाला। मछाल गांव के ग्रामीणों ने जनरल रावत को अपने प्यारे दोस्त के तौर पर याद किया। साथ ही उन्होंने कैंडल मार्च निकालने के दौरान जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत और हेलिकॉप्टर क्रैश में उनके साथ जान गंवाने वाले 11 अन्य सैन्य अधिकारियों के लिए भी दुख जाहिर किया। लगभग सभी एज ग्रुप के लोगों की मौजूदगी वाले मार्च में जनरल रावत के साथ ही ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को भी खासतौर पर याद किया, जो इसी साल 27 जुलाई को मछाल सेक्टर में दौरे पर ग्रामीणों से भी मिलने आए थे।
वहीं जनरल बिपिन रावत को लेकर उनके साथ काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि वे एक सैनिक राजनेता थे। ऐसा कहने की दो वजहें हैं। एक तरफ उनमें टॉप लीडरशिप के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता थी। दूसरी तरफ आखिरी जवान तक पहुंच भी थी। जनरल रावत के साथ मेरा करीबी जुड़ाव रहा है और मैंने उन्हें करीब से देखा है। उनका निधन मेरे लिए पर्सनल नुकसान है।
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