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Amarnath Cloudburst:तीर्थयात्रियों को बचाते समय राजस्थान का सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी बाढ़ में बहा
Last Updated on July 9, 2022 by sintu kumar
जयपुर। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद से भारतीय जवानों की टीमों ने राहत व बचाव कार्यों के लिए मोर्चा संभाला हुआ है। लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।बादल फटने से अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस बीच, पीड़ित लोगों को बाढ़ के पानी से निकालने के दौरान राजस्थान के बीकानेर के एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी पानी के तेज बहाव में बह गए। मृतक की पहचान श्रीगंगानगर ट्रैफिक थाने के पूर्व प्रभारी सुशील खत्री के रूप में हुई है। खत्री उन 17 तीर्थयात्रियों के जत्थे में शामिल थे, जो 3 जुलाई को श्री गंगानगर से रवाना हुए थे और आपदा के नौ दिन पहले ही सेवा से रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के साथ हॉलिडे प्लान किया था। बादल फटने के कारण आई बाढ़ के वक्त वह अमरनाथ गुफा के पास एक तंबू में थे, जिसमें कई अन्य तीर्थयात्री भी मौजूद थे। जैसे ही बाढ़ का पानी आया, तंबू बह गया।खत्री ने बादल फटने के कारण आई बाढ़ में बहने से कई लोगों को बचाया। इस दौरान वह खुद तेज बहाव का शिकार बन गए।
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घायल यात्री इलाज के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर से लाए जा रहे
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। बचाव अभियान जारी है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ गुफा स्थल से घायल श्रद्धालुओं को भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर में आगे के इलाज के लिए नीलगढ़ बालटाल से श्रीनगर के बीएसएफ शिविर में ले जाया जा रहा है।बादल फटने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई। यात्रा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। बीएसएफ ने कहा कि निचली पवित्र गुफा में तैनात बटालियन के जवान यात्रियों को बचाने में जुटे हुए हैं।बीएसएफ के डॉक्टर और उनकी टीम घायलों का इलाज कर रही है।बीएसएफ ने बताया कि मरीजों की सहायता के लिए नीलग्रथ हेली साइट पर एक सेक्शन तैनात किया गया है। शुक्रवार को रात्रि प्रवास के लिए बीएसएफ पंजतरणी शिविरों द्वारा लगभग 150 यात्रियों को ठहराया गया था।
–आईएएनएस