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मंडी। जिले के खलियार निवासी देवी रूप शर्मा 1994 में बतौर पीटीआई रिटायर हुए। 37 वर्षों की सर्विस के बाद भी उन्हें कोई प्रमोशन नहीं मिला, क्योंकि नियम में प्रावधान ही नहीं था। मई 2017 में हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि रिटायर्ड शिक्षकों को भी वेतनवृद्धि का लाभ मिले। लेकिन शिक्षा विभाग ने कोर्ट का आदेश मानने के बजाय उन्हें दर-दर भटकने को मजबूर कर दिया है।
सरकार ने 1 अप्रैल 1999 को आदेश जारी किया था कि जिन शिक्षकों की सेवा 20 वर्ष से अधिक हो जाएगी, उन्हें दो वेतन वृद्धियों का लाभ दिया जाएगा। सरकार के इस आदेश के बाद रिटायर हो चुके देवी रूप शर्मा सहित अन्य शिक्षक कोर्ट की शरण में चले गए और रिटायर हो चुके शिक्षकों पर भी इन आदेशों को लागू करवाने की गुहार लगाई। हाईकोर्ट और फिर ट्रिब्यूनल कोर्ट ने रिटायर शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए शिक्षा विभाग को तीन महीनों के भीतर मामला सुलझाने के आदेश दिए।
मई 2017 के आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी उन्हें एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय जाने का फरमान सुनाकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन सुनवाई कोई भी नहीं कर रहा है। देवी रूप शर्मा बताते हैं कि 83 वर्ष की उम्र में बार-बार कार्यालयों के चक्कर काटना उनके लिए संभव नहीं और अब इतना सामर्थ्य भी नहीं बचा। इन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग उठाई है कि जो इनका जायज हक बनता है उसे समय रहते अदा करें।
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