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RTI से हुआ खुलासा: 9 महीने में 18 सरकारी बैंकों में हुई 1.17 लाख करोड़ की धोखाधड़ी
Last Updated on February 13, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। एक आरटीआई (RTI) के जवाब में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान 18 सरकारी बैंकों में कुल 1.17 लाख करोड़ रुपए की धोखाधड़ी (Fraud) के 8,926 मामले सामने आए। आरबीआई (RBI) ने मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ को जवाब देते हुए बताया कि इस दौरान एसबीआई (SBI) की ओर से धोखाधड़ी के सबसे ज़्यादा 4,769 मामले सूचित किए गए जिनमें 30,300 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) द्वारा अप्रैल से दिसंबर तक बैंकिंग धोखाधड़ी के 294 मामले सूचित किए गए जिसमें 14,929 करोड़ रुपए की धनराशि शामिल है।
वहीं इस अवधि के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा में कुल 11,166 करोड़ रुपए के 250 मामले सामने आए। इस दौरान इलाहाबाद बैंक में 6,782 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 860 मामले, बैंक ऑफ इंडिया में 6,626 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 161 मामले, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 5,605 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 292 मामले, इंडियन ओवरसीज बैंक में 5,557 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 151 मामले और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 4,899 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 282 मामले सूचित किए गए। केनरा बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में 1,867 मामले सामने आए जिसमें कुल 31,601 करोड़ रुपए की धनराशि शामिल है।