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शिमला। कहते है देर से ही सही पर दुरुस्त आए। यह बात हिमाचल में बिलकुल ठीक बैठी है। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी का इंतजार किया जा रहा था, जो अब पूरा हो गया है। बारिश और बर्फ भी इतनी गिरी है, कि खुश होने के बाद अब हर कोई परेशान हो रहा है। बहरहराल, शिमला के ऊपरी इलाकों में रफ्तार पटरी से उतर गई है। यहां कई जगह रास्तें पूरी तरह से बंद हो गए हैं।
गौर रहे कि राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यरात्रि और आज तड़के फिर से बर्फबारी हुई है, जिससे राज्य में शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया है। राजधानी शिमला समेत ऊंचाई वाले कई इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई जिसके चलते यातायात बाधित हुआ है। शिमला में बर्फबारी से ठंड और बढ़ी है। बर्फबारी के कारण ऊपरी शिमला का मार्ग अवरूद्ध है। शिमला के साथ लगते छराबड़ी, कुफरी, फागू और नारकंडा, हाटू पीक, खड़ापत्थर में बर्फबारी हुई है।
बर्फबारी के कारण कुफरी, नारकंडा और खड़ापत्थर में यातायात बंद है। बहरहाल, सफेद आफत का सितम यहीं खत्म नहीं हुआ है। चौपाल के प्रवेश द्वारा खिड़की में भी सफेद फाहे गिरने से यातायात बाधित हो गया है। रामपुर के लिए वाया मशोबरा होकर बसें भेजी जा रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक शिमला में 13.8 सेंमी. मनाली में 13 और किन्नौर के कल्पा में 19 सेंमी. बर्फबारी हुई है। उधर, राज्य में दो दिन हलकी-हलकी बर्फबारी से किसानों और बागवानों ने कुछ राहत जरूर ली है, लेकिन वे और अधिक बर्फ की चाह में है। इसका कारण पिछले लंबे समय से बारिश का न होना है। बारिश और बर्फबारी न होने से जमीन में नमी और नीचे जा रही है और इस कारण कामकाज नहीं हो रहा है। सेब बागवान पौधों में खाद नहीं डाल पा रहे हैं। वहीं पौधों के तौलिए का कार्य भी रुका हुआ है और अब नमी देखकर इस कार्य को भी शुरू किया जाएगा। बारिश और बर्फबारी न होने से इस बार बागीचों का सारा कार्य आगे सरक गया है और इससे बागवान परेशानी में हैं। वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में मध्यम ऊंचाई और अधिक ऊंचाई वाले कुछेक स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
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