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शिमला। रोहड़ू के टिक्कर क्षेत्र के कलंगाव में दंपत्ति द्वारा देवदार के पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच करने पर पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमें दंपति ने जेठ जेठानी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने की बात कही है। रोहड़ू पुलिस (Rohru Police) ने अब इस मामले में आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर शिमला जिला की रोहड़ू तहसील में पति और पत्नी ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पति और पत्नी ने जंगल में देवदार के पेड़ से फंदा लगाकर मौत को गले लगाया। पति की पहचान शांता कुमार (42) पुत्र गोकल चंद गांव कलगांव डाकघर पुजारली नंबर 2 तहसील व थाना रोहडू (Rohru) जिला शिमला व पत्नी की मीना (40) के रूप में हुई है। इन दोनों के शव शील गांव के जंगल में वाटर लिफ्ट के साथ देवदार के पेड़ पर लटके हुए थे। मामले की सूचना पुलिस थाना रोहड़ू में दी गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी।
जांच करने पर पुलिस को इस मामले में सुसाइड नोट मिला है। जिसमें दंपत्ति ने जेठ-जेठानी व इनकी बेटी पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पुलिस तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बता दें कि मौत को गले लगाने वाली दंपत्ति जेठ.जेठानी के साथ संयुक्त परिवार में रह रहे थे। शांता कुमार खेती बाड़ी का काम करता था और पत्नी मीना गृहणी थी। दंपत्ति की औलाद नहीं थी। सुसाइड नोट में पति.पत्नी ने इस बात का उल्लेख किया है कि जेठए जेठानी और उनकी बेटी की प्रताड़ना से तंग आकर वे खुदकुशी का खौफनाक कदम उठाने को विवश हुए हैं।
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