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नई दिल्ली। नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में सोमवार की सायं आयोजित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल (Dr. Krishna Gopal) ने कहा है कि अनुसूचित वर्ग में पैदा हुआ व्यक्ति उतना ही पवित्र है जितना ब्राह्मण (Bramhin) कुल में जन्म लेने वाला। उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार ईश्वर के साथ अत्याचार है, इस देश की मौलिक आध्यात्मिक दर्शन के साथ अन्याय है। जिस वक्त इस समाज को अन्याय सहना पड़ा, वह देश का दक्षिणायन रहा। संघ नेता के दक्षिणायन कहने का यहां आशय देश के बुरे दौर से रहा।
गोपाल ने कहा कि पाकिस्तान में आज भी वे पांच नदियां(पंचनदियां) बहतीं हैं, जहां पर वेदों की रचना हुई थी। मगर वहां से भारत नष्ट हो गया, क्योंकि वहां हिंदू नहीं हैं। हिंदू हैं तो ही राष्ट्र हैं और हिंदुओं के रहने से ही भारत है। जहां हिंदू हैं, वही भारत है। इस कार्यक्रम के दौरान डॉ। कृष्ण गोपाल और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) मंत्री प्रह्लाद पटेल ने डॉ। सूर्यकांत बाली लिखित ‘भारत का दलित विमर्श’ और ‘भारत की राजनीति का उत्तरायण’ नामक पुस्तकों का विमोचन किया। डॉ। कृष्ण गोपाल ने ‘दलित विमर्श’ पुस्तक पर चर्चा के दौरान दलित शब्द के इस्तेमाल पर असहमति जताते हुए कहा कि संवधान सभा ने भी दलित (Dalit) शब्द की जगह अनुसूचित जाति शब्द स्वीकार किया था। यह तो अंग्रेजों की चाल थी जो दलित कहकर हिंदू समाज को बांटने की साजिश की गई।
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