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कुल्लू।जिला के लगघाटी में परिवहन निगम के कंडक्टर के साथ खंणीपांद गांव में जातीय भेदभाव मामले में डीसी कुल्लू यूनुस ने जांच के आदेश दिए हैं। आरटीओ कुल्लू मामले की जांच करेंगे। 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर सौपेंगे। लगघाटी के खणीपांद गांव में परिवहन विभाग के परिचालक के साथ जातीय भेदभाव के बाद परिचालक से ग्रामीण ने दस हजार रुपए जुर्माना के तौर बसूल किए हैं।
वहीं, अब प्रशासनिक जांच में परिचालक के साथ जातीय भेदभाव करने वाले ग्रामीण नपेगा और इसके लिए आरटीओ कुल्लू जांच रिपोर्ट तैयार कर डीसी को सौपेंगे। जिसके बाद मामले में प्रशासन आगामी कार्रवाई करेगा। वहीं, अनुसूचित जाति कल्याण मंच ने डीसी को ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।निष्पक्ष जांच ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। अनुसूचित जाति कल्याण मंच के जिलाध्यक्ष दिले राम ने बताया कि परिचालक के साथ हुए भेदभाव मामले में जिला प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है और डीसी ने अनुसूचित जाति कल्याण को उचित कार्रवाई की आश्वासन दिया है।
पीड़ित एचआरटीसी कंडक्टर ने बताया कि खंणीपांद गांव में उनके साथ जातीय भेदभाव किया गया। उसकी ड्यूटी 3 नवंबर को खंणीपांद रूट पर लगी और रात्रि ठहराव गांव में था।इस दौरान जब वह उस घर के कमरे में गया, जहां चालक-परिचालकों के ठहरने की व्यवस्था होती है। वहां ड्राइवर ने कहा कि यहां अनुसूचित जाति के लोगों को नहीं आने दिया जाता है और उसके बाद वह बस में आकर सो गया। उसके बाद मकान मालिक ने रात को रोटी बस के पास लाई, जिस पर उसने रोटी खाने से मना कर दिया और उसके बाद मकान मालिक ने कहा कि ग्रामीणों से पूछने के बाद जुर्माना देना पड़ेगा।
सुबह उस घर का मालिक आया और पहले 40 हजार रुपए देने के लिए बाध्य किया और बाद में 10 हजार रुपए पर मान गए। उसके बाद उसने दस हजार रुपए दिए। उन्होंने कहा कि इस घटना से वो बहुत आहत हुआ है और परिवहन विभाग में 12 से कार्यरत है पर कहीं पर भी इस तरह की घटना नहीं हुई।उन्होंने कहा कि आज के इस जमाने में छुआछूत खत्म हो गई है। परन्तु कुल्लू जिला में लोग अभी भी तरह का जातीय भेदभाव करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना से ठेस पहुंची है।
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