-
Advertisement
शहर से नफरत हैं, इन हिमाचलियों को
Last Updated on October 4, 2020 by Deepak
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के साथ लगते 25 ग्रामीण मुहालों के लोगों द्वारा बनाई गई ग्रामीण संघर्ष समिति ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें किसी भी सूरत में प्रस्तावित नगर निगम में शामिल ना किया जाए। समिति के प्रवक्ता राजेंद्र मोहन ने बताया कि इन ग्रामीण मुहालों को सरकार ने टीसीपी के दायरे में ला दिया है और जल्द ही इन्हें प्रस्तावित नगर निगम में शामिल करने जा रही है। इन क्षेत्रों की आबादी नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहती क्योंकि उन्हें गौशाला बनाने के लिए भी नक्शे पास करवाने पड़ेंगे। ग्रामीणों से गांवों में कोई टैक्स नहीं वसूला जाता जबकि शहरी क्षेत्र में आने पर उन्हें टैक्स देना पड़ेगा। इनका कहना है कि नगर परिषद के नुमाईंदे लोगों को यह कहकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं कि शहरों में गांवों की तुलना मनरेगा की तरह अधिक रोजगार है। राजेंद्र मोहन ने कहा कि ग्रामीणों को शहरी रोजगार की जरूरत नहीं और ना ही वह एमसी में शामिल होना चाहते हैं।