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कोरोना संकट में खुशखबरी : Russian Vaccine का ट्रायल खत्म, 10 अगस्त तक मार्केट में आएगी !
Last Updated on August 7, 2020 by
दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच रूस से अच्छी खबर आई है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनकी कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) का ट्रायल पूरा हो चुका है। ये वही वैक्सीन है जिसे गामालेया इंस्टीट्यूट ने बनाया है। इसके अलावा दो और कंपनियों ने क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मांगी है। बता दें दि गामालेया इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को लेकर दावा किया गया था कि यह वैक्सीन 10 अगस्त या उससे पहले बाजार में आ जाएगी। रूस (Russia) के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि गामालेया की वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है। अब उसके वैज्ञानिकों पर यह निर्भर करता है कि वे वैक्सीन को बाजार में कब लाते हैं। मॉस्को स्थित गामालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने पिछले महीने दावा किया था कि वो अगस्त के मध्य तक कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है। यानी अगले दो हफ्तों में रूस कोरोना वायरस की वैक्सीन बाजार में ला देगा।
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रूसी अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने बताया था कि वे वैक्सीन की मंजूरी के लिए 10 अगस्त या उससे पहले की तारीख पर काम कर रहे हैं। गामालेया इंस्टीट्यूट (Gamalaya Institute) के वैज्ञानिकों का दावा है कि वे इस वैक्सीन को आम जनता के उपयोग के लिए 10 अगस्त तक मंजूरी दिलवा लेंगे, लेकिन सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को दी जाएगी रूस के सोवरन वेल्थ फंड के प्रमुख किरिल मित्रिव ने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है। जैसे हमने अंतरिक्ष में पहला सैटेलाइट स्पुतनिक छोड़ा था। यह वैसा ही मौका है। हालांकि, रूस ने अभी तक वैक्सीन के ट्रायल का कोई डेटा जारी नहीं किया है। इस वजह से इसकी प्रभावशीलता के बारे में टिप्पणी नहीं की जा सकती है।
अधूरे ह्यूमन ट्रायल को लेकर उठ रहे सवाल
कुछ लोग इस बात की आलोचना भी कर रहे हैं कि वैक्सीन जल्द बाजार में लाने के लिए राजनीतिक दबाव है। इसके अलावा वैक्सीन के अधूरे ह्यूमन ट्रायल (Incomplete human trial) पर भी सवाल उठ रहे हैं। दुनियाभर में दर्जनों वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। कुछ देशों में वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में हैं, रूसी वैक्सीन को अपना दूसरा चरण पूरा करना बाकी है। वैक्सीन के डेवलपर ने 3 अगस्त तक इस चरण को पूरा करने की योजना बनाई है। इसके बाद तीसरे चरण का परीक्षण शुरू किया जाएगा। रूसी वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन जल्दी तैयार कर ली गई, क्योंकि यह पहले से ही इस तरह की अन्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। यही सोच कई अन्य देशों और कंपनियों का है। रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूसी सैनिकों ने ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानी परीक्षण में वॉलंटियर्स के रूप में काम किया है। दावा है कि परियोजना के निदेशक अलेक्जेंडर गिन्सबर्ग ने खुद ये वैक्सीन ली है।