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पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का कहना है कि वनडे क्रिकेट (ODI) की चमक कुछ फीकी पड़े, उसे रोमांचक बनाने की ज़रूरत है। तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के आकर्षण को बनाए रखने के लिए वह कितने दिनों तक चला यह देखने की जगह वह कितना रोमांचक था यह देखा जाना चाहिए। भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के शुरुआती तीन मुकाबले तीन दिन के अंदर खत्म हो गए थे, इससे इन पिचों की काफी आलोचना हुई लेकिन तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट का काम हर तरह की परिस्थितियों में खेलना होता है।
तेंदुलकर ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, इसमें कोई दोराय नहीं है कि वनडे क्रिकेट बोरिंग हो रहा है। इसके दो पार्ट हैं एक अभी जो है और दूसरा वह है जो मुझे लगता है कि इसे होना चाहिए। 50 ओवर्स अब दो नई गेंदें ली जाती है, अब जबकि आपके पास 2 नई गेंदें होती हैं तो तो यह रिवर्स स्विंग का ऑप्शन खत्म कर देती हैं। अब मैच के तो हम 40वें ओवर में होंगे लेकिन यह वास्तव में उस गेंद से 20वां ओवर ही होगा। सचिन का कहना है कि वनडे क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट की तरह 4 क्वार्टर में डिवाइड कर दें, टेस्ट क्रिकेट में आपको 20 विकेट लेने होते हैं लेकिन यहां आपके पास केवल 10 विकेट होते हैं। ऐसे में अगर आप 25 ओवरों में ही आउट हो जाते हैं, तो अगले 25 ओवरों के लिए गेम में आप वापस आकर बल्लेबाजी नहीं कर सकते।
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