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ना बिजली, ना पानी, फिर भी प्रीतम चंद गरीब नहीं
Last Updated on February 28, 2020 by Deepak
बंजार। एक कमरे का जर्जर मकान। ना बिजलीए ना पानी और ना ही रसोई गैस। फिर भी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के बंजार उपमंडल की कंडीधार पंचायत के चनालटी गांव के अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले 50 वर्षीय प्रीतम चंद पुत्र स्वर्गीय मंनसु राम का बीपीएल सर्वे में चयन नहीं हो पाया। अब सवाल यह उठता है कि बीपीएल के लिए प्रीतम चंद का आखिर चयन क्यों नहीं हो पाया। क्या प्रीतम चंद गरीब नहीं है। प्रीतम चंद ने कई साल पहले चनालाटी गांव में अपने खेत में एक कमरे वाले छोटे से कच्चे मकान का निर्माण किया थाए जिसमें एक छोटी सी रसोई भी बनाई थी। करीब चार साल पहले यह मकान भूस्खलन के कारण रसोई की तरफ से काफी क्षतिग्रस्त हो गया थाए जिसे लकड़ी की स्पोटें देकर खड़ा रखा गया है। जर्जर हालत में कच्चा मकान कभी भी ढह सकता हैए जिस वजह से प्रीतम चंद खतरे के साये में रहने को मजबूर है। प्रीतम चंद का कहना है कि उसे अभी तक सरकार की ओर से गरीबों को दी जाने वाली किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिला है। इसने कई बार ग्राम पंचायत के चक्कर लगाएए लेकिन इसकी गुहार कोई नहीं सुन रहा है।