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सैंज जल विद्युत परियोजना प्रभावितों ने शुरू की भूख हड़ताल, कंपनी को पांच दिन का Ultimatum
Last Updated on March 16, 2020 by
सैंज। हिमाचल प्रदेश पावर निगम लिमिटेड की 100 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली सैंज जल विद्युत परियोजना प्रबंधन के खिलाफ आज परियोजना से प्रभावित हुए ठेकेदार सप्लायर्स, भूमि व मकान मालिक भूख हड़ताल (Hunger strike) पर बैठ गए हैं। परियोजना का निर्माण करने वाली हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पिछले कई वर्षों से प्रभावित लोगों का पैसा नहीं दिया, जबकि कंपनी ने लोगों की भूमि लीज पर ली थी।
इसके अलावा परियोजना में कार्य करने वाले ठेकेदारों, सप्लायर इत्यादि को भी अभी तक पूरा पैसा नहीं दिया गया। हालांकि इस संबंध में परियोजना (Project) के उद्घाटन के समय सभी प्रभावित लोगों ने अपनी बकाया राशि को अदा करने की बात रखी थी, लेकिन उस वक्त परियोजना के मालिक होने के चलते हिमाचल प्रदेश पावर निगम लिमिटेड ने लिखित में आश्वासन दिया था कि सभी का बकाया पैसा लौटाया जाएगा। आज तीन वर्ष बीत गए परंतु किसी को भी बकाया धनराशि तो दूर बल्कि निगम बात तक करने के लिए तैयार नहीं हैं।
प्रभावितों ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने कंपनी के शाढ़ावाई स्थित कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कंपनी को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 5 दिन के बाद भी इसका कोई हल नहीं निकाला गया तो वे आमरण अनशन शुरू करेंगे। इस संबंध में उन्होंने अनशन को संचालित करने के लिए सैंज हाईड्रो प्रॉजेक्ट लोकल कांट्रेक्टर्ज़ एन्ड लैण्ड लीज़ होल्डर्ज़ यूनियन का गठन भी किया है जिसमें सर्वसम्मति से रघुवीर सिंह को अध्यक्ष, मोहर सिंह, रामलाल व रामकृष्ण को उपाध्यक्ष तेजा सिंह महासचिव, भूमा ठाकुर, विचित्र सिंह तथा नारायण सचिव जबकि गोपाल शर्मा को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा कमेटी में राजकुमार, लीलाधर चौहान, डोला सिंह, बुद्धि सिंह, निर्मला देवी, चमन शर्मा, जवाहर गोविंद ठाकुर तथा राजेश शर्मा सहित अन्य सभी प्रभावित लोगों को सदस्य बनाया गया है। वहीं, राजकुमार पूर्व प्रधान राजू चौहान विजय कुमार महेंद्र सिंह आज और संघर्ष समिति प्रधान महेश शर्मा समर्थन दिया है।