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लखनऊ। समाजवादी पार्टी की तकरार का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। मंगलवार को दोनों गुटों में सुलह की कोशिश नाकाम हो गई। मुलायम सिंह यादव और यूपी के सीएम अखिलेश यादव के बीच मंगलवार को करीब 3 घंटे तक चली मुलाकात में बात नहीं बनी। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष अपनी-अपनी शर्तों को लेकर अड़ गए हैं। दरअसल, बातचीत में अखिलेश राज्य में टिकट बंटवारे में अपना एकाधिकार, अमर सिंह को पार्टी से निकालने और शिवपाल सिंह यादव को यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर से हटाने पर अड़े हुए थे वहीं, मुलायम इन शर्तों पर राजी नहीं हुए। उधर अखिलेश धड़े के रामगोपाल सिंह यादव ने पार्टी में किसी तरह की सुलह की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। रामगोपाल ने बताया कि समाजवादी पार्टी में अब कोई समझौता नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में राज्य में चुनाव लड़ेंगे।
रही बात चुनाव चिह्न की तो इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है।श क्या हैं अखिलेश की शर्तें सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने मुलायम से कहा है कि शिवपाल यादव को प्रदेश की राजनीति से दूर रखा जाए। इसके लिए उन्हें केंद्र की राजनीति में भेजने का सुझाव दिया। अखिलेश ने अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकालने की मांग भी दोहराई है। मुलायम की नाराजगी का शिकार हुए रामगोपाल यादव को भी लेकर अखिलेश ने शर्त रखी है। अखिलेश ने मुलायम से मांग की है कि रामगोपाल को फिर से पार्टी में जगह और अधिकार दिए जाएं। बता दें कि मुलायम को बेदखल करके अखिलेश की ओर से पार्टी की कमान संभालने के बाद दोनों में सुलह की गुंजाइश खत्म सी नजर आ रही थी। इन बातों को और ज्यादा बल उस वक्त मिला, जब दोनों गुट चुनाव आयोग के पास पहुंचे और चुनाव चिह्न साइकल पर अपना दावा ठोंका। रामगोपाल यादव ने तो आयोग के अधिकारियों से कहा कि एसपी के 90 फीसदी विधायक और नेता अखिलेश यादव के साथ हैं। इसके बाद ही सुलह का रास्ता बंद होते नजर आया।
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