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शिमला। कोटखाई में गुड़िया मर्डर मामले में पकड़े गए आरोपियों के मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ जहां स्थानीय लोग गिरफ्तारियों व पुलिस की स्टेटमेंट पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने इस मामले में सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अफसरशाही और पुलिस अफसरों को निशाने पर लिया है। सत्ती ने यहां मीडिया से मुलाकात में कहा कि कोटखाई की घटना ने उनके उस आरोप की पुष्टि की है, जिसमें कहा गया था कि सरकार को माफिया चला रहा है। उन्होंने कहा कि कोटखाई में इस बच्ची के साथ जो दरिंदगी हुई, इस पर भी यदि अपना-पराया, मेरा-तेरा देखा जाएगा तो यह राजनेताओं को राजनीति में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
ऐसे राजनेताओं को खुद राजनीति छोड़ देनी चाहिए। उनका कहना था कि यदि ऑफिसरों को भी दबाव में कार्य करने को कहा जाता है और वे ऐसा करते हैं तो उन्हें भी नौकरी छोड़ देनी चाहिए। ऐसे अफसरों को नैतिक दृष्टि से त्यागपत्र देना चाहिए। सत्ती ने कहा कि इस मामले को लेकर उन्हें फोन पर कुछ जानकारी मिली है। कहा गया कि सरकार में बैठे कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के रिश्तेदार इसमें शामिल हैं। ऐसे में यह बहुत ही दुखदायी बात है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी अपने किसी रिश्तेदार को बचाने का प्रयास करेंगे तो इसका समाज में बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा और प्रदेश में कोई बच्ची या नागरिक फिर सुरक्षित नहीं रह पाएगा।
सत्ती ने कहा कि इस घटना को लेकर कहा जा रहा है कि स्थानीय लोगों की संलिप्तता है, लेकिन जो नाम सामने आए, उससे लगता है कि गरीब लोगों पर डाल दो और मीडिया में भी आज इसका जिक्र है। उन्होंने कहा कि इस घटना में नेपाली पकड़े हैं और नेपालियों का इतिहास बताता है कि वि मर्डर या चोरी करने के बाद भाग जाते हैं। उनका कहना था कि नेपाली चार दिन तक वहां क्यों बैठा रहेगा।
यही नहीं, यह भी बताया गया कि नेपालियों के डेरे से 200मीटर दूर यह घटना घटी है और नेपाली अपने डेरे के पास बच्ची को क्यों पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को तथ्य के आधार पर इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को पकड़ना चाहिए।
सत्ती ने कहा कि इस घटना से किसी भी नेता को दूर रहना चाहिए और यदि कोई इस मामले पर दबाव बनाने या बचाने की बात करने आता भी है तो उसे घर से बाहर निकाल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घटना से सरकार के पूरे तंत्र की नालायकी उजागर हुई है और सरकार को मान लेना चाहिए कि यहां पर पूरा तंत्र फेल है और इस घटना की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। बीजेपी अध्यक्ष ने एसपी शिमला को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि उन पर भी आरोप है कि किन्नौर में जमीन के मामले को लेकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या की है और उस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने को हाईकोर्ट जाना पड़ा है।
यदि यह पुलिस की और सरकार के अफसरों की स्थिति है तो राज्य ऐसे लोगों को सामाजिक कार्यों को छोड़ देना चाहिए। सत्ती ने कहा कि बीजेपी इस मामले पर राजनीति नहीं करना चाहती और वह सामाजिक संगठनों के आंदोलन को सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मामले की सही जांच नहीं करवाई तो वह आने वाले समय में उनके हाथ में जो होगा, वे करेंगे।
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