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मंडी। चुनाव आयोग की मुंहबंदी झेल चुके बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती (Satpal satti) एक बार फिर से आपा खो बैठे हैं। अबकी मर्तबा तो उन्होंने दो कदम आगे जाते हुए यहां तक कह दिया है कि हमारे नेताओं को जो गाली निकालेगा, उसका बाजू काट देंगे। मंडी संसदीय क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी रामस्वरूप शर्मा (Ram Swaroop Sharma) के नामांकन दाखिल करने के बाद सत्ती ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय का भी वही हश्र होगा जो पिछली बार प्रतिभा सिंह का हुआ था।
सत्ती ने कहा कि वह जब भी पंजाबी में बोलते हैं तो विरोधियों के पेट में दर्द शुरू हो जाती है। पंजाबी में बातें ही वैसी होती हैं। उन्होंने आचार संहिता का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आचार संहिता नहीं लगी होती तो उन्होंने आज इसी मंच से हिसाब.किताब पूरा कर देना था। बीजेपी नेताओं के खिलाफ जो भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करेगा उसे इसी तरह से जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई अंगुली उठाएगा तो उसका बाजू काट दिया जाएगा।
सत्ती ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा और उनके पिता पंडित सुखराम को लेकर भी जमकर जुबानी हमले किए। उन्होंने अनिल शर्मा को शरीफ बताते हुए उनकी तुलना गाय से कर डाली। सत्ती ने कहा कि अनिल शर्मा उस गाय की तरह हैं जिसे चाहे जहां मर्जी पकड़ लो और जहां मर्जी दूह लो। सत्ती ने अनिल शर्मा के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें अनिल शर्मा ने कहा कि था कि जयराम ठाकुर सीएम तो बन गए हैं लेकिन नेता नहीं बन पाए हैं। सत्ती ने कहा कि क्या नेता बनने के लिए बिस्तर से 7 करोड़ की राशि निकलना जरूरी है और क्या 80 वर्ष की उम्र में उल्टी-सीधी कैसेट निकलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नेता बनने के लिए ईमानदारी और शराफत चाहिए जो जयराम ठाकुर में मौजूद है।
सत्ती ने सोनिया गांधी को दुर्गा और मनमोहन सिंह को शेर बताया। उन्होंने कहा कि जब दुर्गा शेर पर सवार हो जाती है तो शेर कुछ नहीं कर पाता और ऐसा ही देश ने 10 वर्षों तक देखा। सत्ती ने इस मौके पर मीडिया पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं के बीच भावनाओं में आकर कुछ बोल देते हैं तो मीडिया उसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखा देता है। अपना संबोधन समाप्त करते हुए सत्ती ने कहा कि आज उन्होंने कुछ नहीं बोला, इसलिए कोई कुछ न छापे। सत्ती की इन बातों पर बीजेपी नेताओं और पंडाल में बैठे कार्यकर्ताओं ने खूब ठहाके लगाए। सत्ती के संबोधन से ऐसा लग रहा था जैसे दो दिनों के प्रतिबंध के दौरान अपने अंदर जमी हुई घुटन को उन्होंने जमकर बाहर निकाल दिया।
याद रहे कि सत्ती ने नालागढ़ के रामशहर में विवादित टिप्पणियां (controversial statement ) की थीं, उसके बाद उन पर 48 घंटे की प्रचार (Publicity) करने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद ऊना के भंजाल में की गई टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने सत्ती को चेतावनी (Warning) देकर छोड़ा था। अब सत्ती बेपरवाह होकर फिर बदजुबानी कर बैठे हैं।
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