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Saudi Arab का बड़ा फैसला: कोड़े की सज़ा और बच्चों की फांसी पर भी लगाई रोक
नई दिल्ली। मानवाधिकारों को लेकर बेहद खराब रिकॉर्ड रखने वाले सऊदी अरब (Saudi Arab) ने दो ऐसे फैसले लिए हैं। जिनकी दुनिया भर में तारीफ़ हो रही है। सऊदी अरब की सुप्रीम कोर्ट के एक दस्तावेज़ के अनुसार, वहां सज़ा के तौर पर अब कोड़े नहीं मारे जाएंगे बल्कि जुर्माना या जेल की सज़ा होगी। बतौर दस्तावेज़, यह किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मानवाधिकार सुधारों का हिस्सा है। अभी वहां सार्वजनिक रूप से नशा करने और उत्पीड़न पर कोड़े की सज़ा मिलती थी। वहीं कोड़े मारने की सज़ा पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद सऊदी अरब ने नाबालिग रहते हुए अपराध करने वालों के लिए फांसी की सज़ा को भी ख़त्म कर दिया है।
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सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग ने सऊदी किंग सलमान के हवाले से बताया है कि नाबालिग रहते हुए अपराध करने वालों को अब मौत की सज़ा नहीं दी जाएगी। शाही आदेश के मुताबिक, इसकी बजाय उन्हें जुवेनाइल डिटेंशन सेंटर में अधिकतम 10 साल की सज़ा होगी। मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष अवाद अलवद ने बयान जारी कर कहा कि यह सऊदी अरब के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है। इस रॉयल डिक्री से हमें आधुनिक कानून व्यवस्था लागू करने में मदद मिलेगी। सऊदी अरब के इस फैसले से शिया समुदाय के छह लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है। इन पर अरब स्प्रिंग आंदोलन के दौरान सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का दोषी पाया गया था। उस वक्त इनकी उम्र 18 साल से कम थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पिछले साल सऊदी अरब से अपील की थी कि वह इनकी फांसी रोक दे।