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कमलनाथ के स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म करने के EC के फैसले पर SC ने लगाई रोक
Last Updated on November 2, 2020 by
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा मध्य प्रदेश उप-चुनाव में पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamal Nath) के स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म करने के फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले पर चुनाव आयोग से सवाल किया। बेंच ने पूछा- ‘चुनाव आयोग के पास यह निर्धारित करने की शक्ति कहां है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 77 के तहत किसी पार्टी का नेता कौन होगा?’
चुनाव आयोग के फ़ैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक,
—भावी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की जीत का सिलसिला प्रारंभ।“सत्य मेव जयते”
— MP Congress (@INCMP) November 2, 2020
आप चुनाव आयोग हैं या पार्टी के नेता है?
कमलनाथ ने मध्य प्रदेश उपचुनाव में प्रचार के दौरान एक महिला प्रत्याशी इमरती देवी पर आइटम जैसे शब्द का इस्तेमाल कर टिप्पणी की थी। कमलनाथ की टिप्पणी को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया। ये मामला काफी गरमाया। जिसके बाद चुनाव आयोग ने ‘आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन’ को लेकर कमलनाथ को स्टार प्रचारक लिस्ट से हटाया था। कमलनाथ ने आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। इस याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने आयोग के आदेश पर रोक लगा दी।
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CJI ने चुनाव आयोग से कहा कि स्टार प्रचारक सूची से उम्मीदवार को हटाने के लिए आपको किसने शक्ति दी है? आप चुनाव आयोग हैं या पार्टी के नेता है? सुप्रीम कोर्ट ये परीक्षण करेगा कि क्या चुनाव आयोग किसी स्टार प्रचारक का नाम हटा सकता है या नहीं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर इसी हफ्ते चुनाव होने हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘स्टार प्रचारक कौन सा पद या पोजीशन है? चुनाव आयोग ने ना तो मुझे कोई नोटिस दिया था, ना ही मुझसे इस बारे में कुछ पूछा था। प्रचार अभियान के आखिरी दो दिन में चुनाव आयोग ने ऐसा क्यों किया, ये तो केवल उन्हीं को मालूम है।’