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मंडी। जिले की सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत पंडोह के दलित बाहुल्य गांव धड़ोल की सड़क सवर्णों ने लंबे समय से रोकी हुई है। राज्य के पंचायत चुनाव में एससी समुदाय ने अपना उम्मीदवार उतार दिया था। बस इसी बात से गुस्साए सवर्णों ने गांव तक जाने वाली सड़क रोक दी है। अब इस सड़क को खुलवाने के लिए ग्रामीण फिर डीसी मंडी के दरबार में पहुंचे हैं।
डीसी से मिलकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सवर्णों जाति के लोगों ने उनके गांव तक जाने वाली सड़क को बीच में ही रोक दिया है।ग्रामीणों ने इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी उठाया था। तब डीसी मंडी को आयोग में जाकर जवाब देना पड़ा था। बावजूद इसके अभी तक इस सड़क की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो सका है।
धड़ोल गांव से होकर जाने वाली सड़क तवाराफी से जरल तक बनाई गई है। 5 किलोमीटर लंबी यह सड़क अपने दोनों छोरों से शुरू तो हो जाती है लेकिन धड़ोल गांव तक नहीं पहुंच पाती। तवाराफी की तरफ से जो सड़क बनी है वह खनिरली गांव के पास रोक दी गई है, जबकि जरल की तरफ से बनी सड़क सकरैणी गांव से आगे बह गई है।
पंचायत चुनावों में गांव के लोगों ने सवर्ण जाति के उम्मीदवार का समर्थन न करके अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा था। इसके बाद खनिरली गांव से आगे सड़क को रोक दिया गया। प्रशासन इसलिए यहां पर कार्रवाही नहीं कर पा रहा, क्योंकि खनिरली गांव में लोगों ने मौखिक तौर पर सड़क के लिए अपनी निजी जमीन दी थी, जिस पर अब दोबारा कब्जा कर लिया गया है।
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