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नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 भ्रष्ट जजों के नाम और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर चिट्ठी लिखने वाले कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सीएस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अभूतपूर्व आदेश में कलकत्ता उच्च न्यायालय के मौजूदा जस्टिस सीएस कर्णन को उसके सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने और यह बताने का आदेश दिया कि उनके खिलाफ अवमाननना संबंधी कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जाए। न्यायालय ने उन्हें न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य करने से तत्काल रोक दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सात जजों की बेंच ने हाईकोर्ट के वर्तमान जज सीएस कर्णन के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कर्णन को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 13 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए। साथ में शीर्ष अदालत ने कलकता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को आदेश दिया है कि वे कर्णन को कोई न्यायिक और प्रशासनिक कार्य न सौंपे। इस मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।
सुप्रीम कोर्ट को मुख्य न्यायाधीश एवं छह अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर, पीसी घोष और कुरियन जोसफ की बनी बेंच ने कलकता के एक जज के खिलाफ अवमानना के मामले की सुनवाई की। बता दें कि जस्टिस कर्णन ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमानना मानकर सुनवाई करने का फैसला किया।
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