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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के शुरू की गई पीएम-किसान योजना (PM-Kisan scheme) पर भी भ्रष्टाचार का धब्बा लग गया है। इस योजना की आड़ में करोड़ों रुपए का घोटाला किए जाने की बात सामने आई है। तमिलनाडु सरकार ने बताया है कि पीएम-किसान योजना के तहत 5.5 लाख अयोग्य लोगों के खातों में करीब 110 करोड़ रुपए ट्रांसफर होने का खुलासा हुआ है। बतौर राज्य सरकार, अधिकारियों ने अयोग्य लोगों को योजना का लाभार्थी बनाने में ‘दलालों’ की मदद की। फर्ज़ी किसानों के खाते फ्रीज़ कर अभी तक 32 करोड़ रुपए की रकम ज़ब्त की जा चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे घोटाले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि उन्होंने पहली बार अगस्त में देखा कि इस योजना में असामान्य रूप से लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसा खासकर 13 जिलों में हुआ। बेदी ने कहा कि 18 लोगों को, जो एजेंट या दलाल थे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि एग्रीकल्चर स्कीम से जुड़े 80 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और 34 अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया है।
वहीं, मामले की जांच के दौरान इस बात का पता चला कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया था और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से इसमें जोड़ा था। मॉडस ऑपरेंडी में सरकारी अधिकारी शामिल थे, जो नए लाभार्थियों में जुड़ने वाले दलालों को लॉगिन और पासवर्ड प्रदान करते थे और उन्हें 2000 रुपए देते थे। इसके बाद सरकार ने अभी 110 करोड़ रुपए में से 32 करोड़ रुपए की वसूली कर ली है। तमिलनाडु सरकार का दावा है कि बाकी पैसे अगले 40 दिनों के भीतर वापस आ जाएंगे।
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