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नई दिल्ली। भारत में भ्रष्टाचार रोकने के लिए कुछ भी किया जाए घपलेबाज उसमें भी घपले करने के नए तरीके निकाल लाते हैं। ऐसे ही कुछ फास्ट टैग को लेकर भी देखने को मिल रहा है। दरअसल केंद्र सरकार ने 15 फरवरी से FASTag पूरे देश में जरूरी कर दिया है। हालांकि आपने फास्टैग (Fake fastags) नहीं लगाया है तो आप कैश भी दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको दोगुना शुल्क चुकाना होगा। अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी यानी एनएचएआई ने फास्टैग को लेकर लोगों को आगाह किया है। बताया जा रहा है कि जालसाज नकली FASTag बेच रहे हैं।
FASTag को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने कहा है कि कुछ जालसाजों ने ऑनलाइन नकली FASTag बेचना शुरू कर दिया। इनसे सावाधान रहें। दरअसल इन जालसाजों ने NHAI/IHMCL जैसे ही फास्टैग बेचना शुरू कर दिया है। ये फास्टटैग दिखते तो असली हैं, लेकिन असल में यह नकली होते हैं। ऐसे में यूजर्स को ऐसे जालसाजों से बचने की जरूरत है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने कहा है कि असली FASTag खरीदने के लिए आप www.ihmcl.co.in पर जाएं या MyFastag App का ही इस्तेमाल करें।
इसके अलावा लिस्टेड बैंकों और ऑथराइज्ड प्वाइंट ऑफ सेल एजेंट्स से भी FASTag खरीद सकते हैं। फास्टटैग संबंधित जानकारी IHMCL की वेबसाइट पर भी दी गई है। इसके अलावा आप नकली FASTag की शिकायत भी कर सकते हैं। यदि आपको नकली FASTag से जुड़ी कोई गतिविधि देखने को मिलती है तो आप नेशनल हाईवे अथॉरिटी के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर फोन करें या [email protected] पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। आपको बता दें कि FASTag के लिए देश में करीब 23 बैंक अधिकृत किए गए हैं।
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