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चंबा/सोलन। जब स्कूल ही खतरे की जद में होंगे तो बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे। हिमाचल के दो स्कूलों के हालात वर्तमान में कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। चंबा (Chamba) जिला के शिक्षा खंड कल्हेल के कंगेला स्कूल (School) में पहाड़ी से पत्थर गिरने से खतरा बना हुआ है तो सोलन के जाबली में डंगा धराशाही हो गया। डंगा गिरने से स्कूल खतरे की जद में आ गया है। समय रहते सरकार को इस समस्या का हल निकालना होगा। बता दें कि चंबा जिला के शिक्षा खंड कल्हेल के कंगेला स्कूल में पहाड़ी से (Stone) पत्थर गिरने के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है।
अभिभावक सहमे हुए हैं। बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। हालांकि बारिश के चलते हादसे के दिन 64 में से 5 बच्चे (Student) ही स्कूल पहुंचे थे। अगले दिन एक भी बच्चा स्कूल नहीं पहुंचा। पहाड़ी से पत्थर गिरने के मामले में शिक्षा विभाग ने एक बैठक रखी है। बैठक में शिक्षा उपनिदेशक चंबा भी मौजूद रहेंगे। जानकारी के अनुसार शनिवार को शिक्षा विभाग की टीम पीडब्ल्यूडी के कनिष्ठ अभियंता के साथ क्षतिग्रस्त हुए कंगेला स्कूल का दौरा करेंगे। इस दौरे के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। इस संदर्भ में जब खंड शिक्षा अधिकारी कल्हेल लक्ष्मण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हादसे के दिन बारिश के चलते मात्र 5 बच्चे ही स्कूल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि शनिवार को स्कूल का दौरा किया जाएगा।
परवाणू से सोलन फोरलेन निर्माण (Fourlane construction) के चलते जाबली में स्थित सरकारी स्कूल के ठीक आगे लगाया गया डंगा भारी बारिश से गिर गया है। यही नहीं इस डंगे से स्कूल के आगे लगे पेड़ भी ढंगे के साथ ही गिर गए, जिससे स्कूल भवन को खतरा पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि यदि बारिश का दौर इसी तरह से जारी रहा तो स्कूल भवन (School building) कभी भी गिरने की कगार पर पहुंच सकता है।
बता दें कि परमाणु शिमला फोरलेन निर्माण कार्य चला हुआ है। इसके कारण परमाणू से लेकर सोलन तक कई भवनों में दरारें आ चुकी हैं व कई भवन जमींदोज हो चुके हैं। वहीं शुक्रवार को बारिश के दौरान जाबली स्कूल के नीचे फोरलेन कंपनी द्वारा लगाए गए डंगे और उसके ऊपर की मिट्टी खिसक गई और देखते ही देखते पूरा डंगा व डंगे के आगे लगे पेड़ धराशायी हो गया।
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