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#Ebola की खोज करने वाले वैज्ञानिक की चेतावनी – #Corona से भी खतरनाक वायरस के लिए रहें तैयार
Last Updated on December 24, 2020 by Vishal Rana
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने के बाद लोगों ने राहत की सांस तो ली, लेकिन लगता है नई मुसीबत हमारा इंतजार कर रही है। इबोला वायरस (Ebola) की खोज करने वाले वैज्ञानिक (Scientist) ने चेतावनी दी है कि दुनिया को आने वाले समय में कोविड-19 से भी अधिक और खतरनाक का सामना करना पड़ सकता है। साल 1976 में इबोला की खोज में मदद करने वाले प्रोफेसर जीन-जैक्स मुएंबे तांफुम (Professor Jean-Jacques Muyembe-Tamfum) ने यह दावा किया है।प्रोफेसर तांफुम का कहना है कि हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां कई रोगजनक वायरस सामने आएंगे। उन्होंने इंसानों से जानवरों में बीमारी के संभावित प्रसार को लेकर कहा कि यह मानवता के लिए कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है और इसकी शुरुआत अफ्रीकी ऊष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों से होने की आशंका है। उल्लेखनीय है कि इबोला वायरस का पता लगाने के बाद से ही प्रोफेसर मुएंबे तांफुम अधिक खतरनाक वायरसों की खोज करने के काम में लगे हुए हैं।
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दरअसल, अफ्रीकी देश कांगो गणराज्य में एक महिला में एक खतरनाक वायरस (Dangerous virus) दिखा है, जिसे इबोला जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वैज्ञानिकों को लग रहा है कि यह कोई नया वायरस है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस कोरोना से भी तेज गति से फैल सकता है और यह इबोला की तरह ही जानलेवा है। वैज्ञानिकों की ओर से आशंका जताई जा रही है कि इसकी घातकता भी पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हो सकती है।
बता दें कि जब इबोला वायरस का पता चला था, जब तांफुम इस बीमारी से पीड़ित लोगों के रक्त का नमूना एकत्रित करने के लिए फ्रंट लाइन (Front line) पर थे। तांफुम ने कहा कि कोविड ने नए इबोला प्रकोप का खतरा बढ़ा दिया है और नया व खतरनाक वायरस भविष्य के लिए बहुत वास्तविक है। याद हो कि इबोला के चलते 88 फीसदी संक्रमित लोगों की मौत हो गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल जून में इबोला के प्रकोप के खत्म होने की आधिकारिक घोषणा की थी। अब ये नया वायरस कब और कहां से आएगा ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन हम सबको सावधान रहने की जरूरत है।