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Omicron Variant के खतरे के बीच वैज्ञानिकों ने सरकार को दी ये सलाह
Last Updated on December 3, 2021 by saroj patrwal
नई दिल्ली। कोरोना वैरिएंट के खतरे के बीच भारत में भी बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। टॉप जीनोम साइंटिस्ट ने कहा कि 40 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज लगाए जाए। साइंटिस्ट ने कहा कि बूस्टर डोज के लिए उन्हें फोकस में रखना चाहिए, जिन पर कोरोना का खतरा अधिक है। बता दें कि इंडियन सार्स-कोविड-2 जेनेटिक कंसोर्शियम (INSACOG) के बुलेटिन में बूस्टर डोज की सिफारिश की गई है। वैज्ञानिकों के समूह की सिफारिश के बाद अब देश में बूस्टर डोज लाए जाने को लेकर रायशुमारी शुरू हो गई है।
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वहीं, लोकसभा में कोरोना महामारी की स्थिति पर चर्चा के दौरान सांसदों ने कोविड के टीकों की बूस्टर खुराक की मांग की थी। इसी बीच लैब के वैज्ञानिकों ने यह सिफारिश भी की। बता दें कि INSACOG कोरोना के जीनोम वैरिएशंस की निगरानी के लिए सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है। वैज्ञानिकों ने बताया कि जिनका अभी तक टीककरण नहीं हुआ है, उनका टीकाकरण सबसे पहले किया जाए। उन्होंने बताया कि जिन लोगों का अब तक टीकाकरण नहीं हुआ है, उन लोगों पर कोरोना के इस वैरिएंट का खतरा सबसे ज्यादा है।
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि वर्तमान टीका कोरोना के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने में इतनी ताकतवर नहीं है। लिहाजा और 40 से अधिक उम्र वाले लोग बूस्टर खुराक लेने पर भी विचार करें। संस्था ने ओमिक्रॉन से प्रभावित इलाकों (अफ्रीकी देशों) पर नजर रखने की भी सलाह दी और कोरोना संक्रमण के मामलों की कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करने की मांग की।