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अब Hack किए जा सकेंगे ‘सपने’, वैज्ञानिकों ने बनाया खास Device, जानिए कैसे करेगा काम
Last Updated on April 17, 2020 by
नई दिल्ली। कहा जाता है कि सपनों पर किसी का बस नहीं चलता, लेकिन अब ये कहावत गलत साबित होने वाली है। बंद आंखों से देखे जाने वाले सपने अब हैक (Hack) किए जा सकेंगे। कुछ MIT इंजिनियर्स अपनी थ्योरी के साथ ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिसकी मदद से सपनों को हैक किया जा सकेगा और उनमें बदलाव भी किया जा सकेगा। ज्यादातर वैज्ञानिकों का मानना है कि नींद में दिखने वाले सपनों का लोगों की जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन 2017 में लॉन्च MIT की ड्रीम लैब का ओपीनियन इससे अलग है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सपनों में बदलाव कर लोगों के उन कामों को बेहतर किया जा सकता है, जो वे नींद से जागने के बाद करते हैं और कई तरह से इसका असर हमारी जिंदगी पर पड़ता है। ड्रीम लैब रिसर्चर एडम होरोविट्ज ने कहा, ‘लोग नहीं जानते कि उनकी जिंदगी के एक तिहाई वक्त (जो वे सोते हुए बिताते हैं) में लोग अपने आप को और जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।’
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एडम ने कहा, ‘अगर आप मेमरी ऑगमेंटेशन या क्रिएटिविटी ऑगमेंटेशन की बात करें या फिर अगले दिन अपने मूड और परफॉर्मेंस पर गौर करें तो इनका संबंध सपनों से होता है और ये चीजें आपकी जिंदगी में महत्वपूर्ण हैं।’ स्टडी में पाया गया है कि सपनों का असर लोगों की जिंदगी पर पड़ता है और खास डिवाइस (Device) की मदद से सपनों में आवाज और खुशबू को शामिल किया जा सकता है। सोने और जागने के बीच की स्थिति Hypnagogia के दौरान सेंसर्स की मदद से सपनों में इनपुट्स डाले जा सकेंगे, जिनसे जागने के बाद बेहतर प्रतिक्रिया मिले। टेस्ट में सामने आए रिजल्ट भी पॉजिटिव दिखे हैं।
साउंड इनसर्टिंग डिवाइस दरअसल एक दस्ताने जैसा है और एक्सपेरिमेंट के दौरान इसकी मदद से सोने जा रहे सब्जेक्ट्स के दिमाग में ‘टाइगर’ वर्ड डाला गया। बदले में सामने आया कि सब्जेक्ट का क्रिएटिव परफॉर्मेंस पहले से बेहतर हुआ, जो MIT ड्रीम टीम की थ्योरी को साबित करता है। साउंड ग्लव की तरह ही स्मेल इनसर्टिंग वियरेबल डिवाइस से खुशबू को सपनों का हिस्सा बनाया जा सकता है। वैज्ञानिकों की टीम का मानना है डरावने सपने देखने वालों को इससे राहत मिल सकती है। टीम सपनों में बदलाव करने से जुड़े इस टेक पर आगे भी काम कर रही है और इसे बेहतर बनाया जा रहा है।