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स्कॉलरशिप घोटाला: कार्मिक मंत्रालय में फंसी फाइल, प्रदेश सरकार ने भेजा दूसरा रिमाइंडर
Update: Tuesday, April 30, 2019 @ 4:41 PM
शिमला। छात्रवृति घोटाला (Scholarship Scam) केस की फाइल पिछले तीन महीने से कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार के पास फंसी हुई है। केस की जांच में हो रही देरी के चलते प्रदेश सरकार ने कार्मिक मंत्रालय को दूसरा रिमाइंडर (Reminder) भेज दिया है। गत मार्च महीने में प्रदेश सरकार ने पहला रिमाइंडर भेज दिया था, उसके बाद मामले का पूरा ब्यौरा भी दो बार भेज दिया था, लेकिन अभी तक केस की फाइल सीबीआई (CBI) को नहीं पहुंची। हालांकि सरकार ने हाल ही में मामला सीबीआई को सौंप दिया था, लेकिन जब तक कार्मिक मंत्रालय से केस दर्ज करने की अनुमति नहीं मिलती तब तक सीबीआई भी एफआईआर दर्ज नहीं कर पाएगी। कार्मिक मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ही 215 करोड़ के बहुचर्चित सीबीआई स्कॉलरशिप घोटाले में केस दर्ज करेगी।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार (State Government) ने बीते वर्ष 215 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच सीबीआई के हवाले की थी। स्कॉलरशिप घोटाला देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। कई राष्ट्रीयकृत बैंक भी इसमें शामिल हैं। शिक्षा विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि कई निजी शिक्षण संस्थानों (Private Educational Institutions) ने फर्जी दाखिला दिखाकर सरकारी धनराशि का गबन किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार पहले अपने स्तर पर दिल्ली पुलिस एक्ट के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज करेगी। उसके बाद ही सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी देगा। इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। उधर, सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने कहा कि जब तक कार्मिक मंत्रालय भार सरकार से मंजूरी नहीं मिलती तब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती।