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धर्मशाला। बोतलबंद पानी खूब बिक रहा है, यहां-तहां, मनमाने दाम पर। अब इसे हिसाब से बेचना होगा…वरना कभी भी लेने के देने पड सकते हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका के जवाब में कहा है कि बोतलबंद पानी अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP.) से अगर ज्यादा मूल्य पर बेचा जा रहा है, तो बेचने वाले को 25000 जुर्माना या फिर जेल की सजा का एक्ट में प्रवाधान किया गया है।
मंत्रालय ने कोर्ट में यह भी कहा है कि एमआरपी से ज्यादा दाम वसूलना कानून के खिलाफ है। उपभोक्ता मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत ही बोतलबंद पानी के एमआरपी से अधिक चार्ज करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, साथ ही यह भी कहा है कि पहली बार पता चलने पर अधिनियम के तहत 2500 जुर्माना या जेल के अलावा इसके बाद बार-बार पकडे जाने पर यह जुर्माना ज्यादा लगाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
उपभोक्ता मंत्रालय ने कोर्ट में बताया कि एलएमए की धारा 36 स्पष्ट रूप से कहती है कि किसी भी पहले से पैक की गई वस्तु को बेचने, वितरण या वितरित करने वाले किसी भी पैकेज पर घोषित घोषणाओं के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो पहली मर्तबा अपराध के लिए 25,000 रुपये तक के जुर्माना के साथ दंडित किया जाएगा।
इसके बाद दूसरी मर्तबा मौद्रिक दंड 50,000 रुपये तक जा सकते हैं और अगर उल्लंघन फिर से हुआ तो एक साल और एक साल की जेल की अवधि बढ़ सकती है। मंत्रालय ने यह जवाब कोर्ट में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की याचिका पर दिया।
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