- Advertisement -
श्रीनगर/नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अलगाववादी नेताओं (Separatists leader) के चेहरों पर चढ़े नकाब उतारने के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में घाटी (Kashmir Valley) के उन 200 अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चें या तो विदेश में पढ़ते (Children studying abroad) है या नौकरी कर रहे हैं। दिल्ली की मोदी सरकार ने ऐसा इसलिए किया है चूंकि इन्हीं अलगाववादी नेताओं के कारण कश्मीर में पिछले 3 साल में से 240 दिन स्कूल और कॉलेज बंद रहे हैं। घाटी में रहने वाले छात्रों को इस वजह से खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो वहीं दूसरी इन्हीं अलगाववादी नेताओं के बच्चे विदेशों में बिना किसी परेशानी के जिंदगी जी रहे हैं। ऐसा कर केंद्र इन नेताओं के चेहरों से चढे नकाब उतारना चाहता है।
इस लिस्ट में बताया गया है कि हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमेन सयैद अली शाह गिलानी के दो पोते पाकिस्तान और तुर्की में नौकरियां कर रहे हैं। इसी तरह तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सहरई के दो बेटे खालिद-आबिद सऊदी अरब में काम करते हैं। जबकि,दुख्तरान-ए-मिल्लत के प्रमुख आसिया अंद्राबी के दो बेटे हैं और दोनों ही विदेश में पढ़ाई कर हैं, एक मलेशिया में पढ़ाई कर रहा है और दूसरा बेटा ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा है।
हुर्रियत नेता बिलाल लोन (Hurriyat leader Bilal loan) की एक बेटी और दामाद लंदन में बसे हैं जबकि छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। मोदी सरकार (Modi Govt) ये जानकारी जुटा रही है कि इन नेताओं को अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए फंड कहां से मिल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि कहीं इनमें हलाला की कोई कड़ी तो नहीं जुड़ी है। ऐसा पहली मर्तबा होने जा रहा है कि अलगाववादी नेताओं की पोल खुलने जा रही है।
- Advertisement -