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निजामुद्दीन स्थित Tablighi Markaz की सात मंजिला बिल्डिंग अवैध, जल्द गिराई जाएगी
Last Updated on April 5, 2020 by saroj patrwal
कोरोना वायरस मामले में बुरी तरह उलझ चुकी राजधानी दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज (Tablighi Markaz)अब एक और वजह से मुसीबत में है। यह वजह है इसकी सात मंजिल बिल्डिंग जो कि अवैध (illegal) रूप से बनी है। प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स जमा होना तो दूर की बात है जिस जमीन पर यह इमारत खड़ी है, उसके कागजात तक नगर निगम के पास नहीं हैं। इस बारे में अधिकारियों को कई बार शिकायत मिल चुकी है और अब ये बिल्डिंग गिराने की तैयारी चल रही है। कोरोना मामले के बाद से बिल्डिंग को सील कर दिया गया है।
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के डिप्टी चेयरमैन राजपाल सिंह के अनुसार, इमारत (Building)को ढहाने की कार्रवाई के लिए फाइल तैयार हो रही है। इमारत का निर्माण पूरी तरह से गैरकानूनी है। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि इस अवैध निर्माण की शिकायत गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल से लेकर नगर निगम तक से की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। निजामु्ददीन के रिहायशी इलाके में बनी तब्लीगी मरकज की यह बिल्डिंग करीब 2000 गज में बनी है। नियमानुसार इसकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह करीब 25 मीटर ऊंची है।
इलाके में बसरों से रह रहे लोग बताते हैं इस जगह पर पहले छोटा मदरसा चलता था। यहां क्षेत्र के ही कुछ लोग नमाज पढ़ने आते थे। 1992 में मदरसे को तोड़कर इमारत बना दी गई। मदरसे के नाम से ढाई मंजिल का नक्शा पास हुआ था, लेकिन मनमाने तरीके से दो मंजिल का बेसमेंट और सात मंजिल की बिल्डिंग बना दी गई। बिल्डिंग में बिजली-पानी का कनेक्शन अलाहुक नाम के शख्स के नाम से है। बिल्डिंग इंस्टीट्यूशनल कैटेगरी में है। लाखों रुपए का हाउस टैक्स बकाया है। इसे लेकर इंतजामिया कमेटी के सदस्य का कहना था कि इस वक्त उनका पूरा ध्यान एफआईआर व अन्य चीजों पर है। इमारत के कागजात और बिजली पानी आदि के कनेक्शन के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी। लॉकडाउन के बीच यह कागज जुटाना अभी संभव नहीं है।