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लेखराज धरटा/शिमला। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट वर्कर्ज यूनियन (Sewerage Treatment Plant Workers Union ) संबंधित सीटू (CITU) ने ईपीएफओ रीजनल कमिश्नर कार्यालय कसुम्पटी के बाहर हल्ला बोला (Protest) । यूनियन ने यह प्रदर्शन शिमला शहर में संचालित किए जा रहे छह प्लांटों के 170 मजदूरों के लगभग 70 लाख रुपए की ईपीएफ राशि (EPF Amount) खाते में जमा नहीं होने के खिलाफ किया।
प्रदर्शन के बाद यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा की अगुवाई में क्षेत्रीय आयुक्त से मिला व दो मांग पत्र सौंपे। प्रतिनिधिमंडल में विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, यूनियन अध्यक्ष दलीप, महासचिव मदन लाल, भारत भूषण, इंद्र, क्षितिज, केवल राम व अंकुश आदि शामिल रहे।
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा, यूनियन अध्यक्ष दलीप कुमार व महासचिव मदन लाल ने कहा है कि 170 मजदूरों का लगभग 70 लाख रुपए उनके खाते में 19 जुलाई से पहले जमा कर दिए जाने का आश्वासन क्षेत्रीय आयुक्त ने दिया है। उन्होंने कहा कि अगर मजदूरों का पैसा 19 जुलाई से पहले उनके ईपीएफ खाते में जमा न किया गया तो आंदोलन (Protest) तेज होगा। उन्होंने ईपीएफओ (EPFO) पर आरोप लगाया कि वह जान बूझ कर ठेकेदारों व मालिकों के प्रति नरम रहता है। \
इसी कारण वर्ष 2016 से लगातार तीन वर्षों से मजदूरों के लाखों रुपए पर ठेकेदार व ईपीएफ विभाग (EPF Department) कुंडली मार कर बैठे हैं। इस तरह कई वर्ष से मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है। यूनियन के प्रतिनिधिमंडल इस दौरान सात बार ईपीएफ अधिकारियों से मिल चुके हैं, परन्तु इसके बावजूद भी मजदूरों के पैसे को उन्हें आबंटित नहीं किया गया है। इस से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि ईपीएफ अधिकारी ठेकेदारों व मालिकों से मिले हुए हैं व मजदूरों के अधिकारों को कुचल रहे हैं।
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