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गेस्ट टीचर की भर्ती के फैसले को वापस ले सुक्खू सरकार: एसएफआई
लेखराज धरटा/शिमला। हिमाचल प्रदेश में एसएफआई की राज्य कमेटी (SFI Himachal Committee) ने टीचर्स के खाली पड़े पदों पर गेस्ट टीचर (Guest Teachers) और पार्ट टाइम टीचरों की भर्ती का विरोध किया है। एसएफआई ने सुक्खू सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। एसएफआई ने ऐसा नहीं होने पर आंदोलन (Agitation) की धमकी दी है। संगठन के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने एक बयान में रविवार को कहा है कि सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) को हिमाचल प्रदेश में लागू करने पर उतारू हो रही है। यह एक ओर शिक्षा की गुणवत्ता के साथ बड़ा खिलवाड़ है तो दूसरी तरफ प्रदेश के बेरोजगार युवाओं (Unemployed Youth) के साथ भी एक भद्दा मजाक होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुच्छेद 5.7 इस तरह की भर्तियों को मंजूरी देता है।
अपने वादे से पलटी सरकार
इससे पहले प्रदेश सरकार ने शिक्षक वीर नीति के बारे में चर्चाओं को अफवाह बताते हुए यह आश्वासन दिया था कि इस तरह की कोई नीति प्रदेश सरकार नहीं ला रही है। एक तरफ सरकार बोल रही है कि हम प्रदेश में पुरानी पेंशन नीति (OPS) बहाल करके सभी सरकारी कर्मचारियों को पेंशन सुविधा देंगे। वहीं, दूसरी ओर शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े 11 हजार पदों को स्थाई रूप से भरने में अपने हाथ पीछे खींच रही है।
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मिलेगा भ्रष्टाचार को बढ़ावा
एसएफआई ने अपने बयान में इस नीति के तहत चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। चयन तो मेरिट के आधार पर होगा, लेकिन साक्षात्कार शिक्षा निदेशालय में ही होगा। संगठन का दावा है कि इससे सरकार के चहेतों को ही प्राथमिकता दी जायेगी। यह सीधे तौर पर भ्रष्टाचार (Corruption) को बढ़ावा देने का काम करेगी।