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समरहिल चौक पर गरजी SFI : सरकार और विवि प्रशासन जड़ा यह आरोप
Last Updated on August 10, 2020 by Vishal Rana
शिमला। प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना महामारी को लेकर गंभीर नहीं हैं। हिमाचल में जहां हर रोज कोरोना (Corona) संक्रमितों का शतक सामने आ रहा है। वहीं विवि प्रशासन यूजी फाइनल सेमेस्टर (UG Final Semester) की परीक्षाओं का आयोजन करने जा रहा है, जिसको लेकर सोमवार को एसएफआई ने प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ समरहिल चौक पर धरना प्रदर्शन किया। एसएफआई (SFI) ने सभी विद्यार्थियों को पिछले अकादमिक रिकार्डस के आधार पर प्रोमोट करने की मांग की।
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एसएफआई के ईकाई उपाध्यक्ष पविंदर कुमार और ईकाई सचिव गौरव नाथन ने कहा कि मार्च में भारत मे बढ़ रहे कोरोना मामलों के ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन किया था। जिसके चलते सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद किया गया। संस्थानों ने ऑनलाइन माध्यमों से नाम मात्र की ही कक्षाएं संचालित कीं। लेकिन चार महीनों के लॉकडाउन के बाद भी आज कोरोना संक्रमण की संख्या में कमी आने के बजाय भारी वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन दावे कर रहा है कि हम यूजी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं (Exam) 17 अगस्त से करने जा रहे हैं और हमने सभी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। लेकिन, सोचने की बात ये है कि जहां आजकल कम्युनिटी स्प्रेड के मामले सामने आ रहे है तो इस समय मे परीक्षाएं करवाना कहां तक सही है। छात्रों को क्वारंटाइन (Quarantine) भी किया गया है उन्हें भी परीक्षा केंद्रों में ही परीक्षाएं देनी होंगी। यह उच्च शिक्षा निदेशालय के आदेश हैं। यह छात्रों को संक्रमित होने के लिए बुलावा देने के बराबर है। इस फैसले से केवल छात्रों पर ही नहीं उनके परिवार, टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ गांववालों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना संक्रमण को लेकर संजीदा नहीं है।
एसएफआई पिछले लंबे समय से ऑनलाइन ज्ञापनों, ऑफलाइन ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से लगातार यही मांग कर रही है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकार्डस के आधार पर प्रोमोट किया जाए, ताकि छात्रों को संक्रमण से बचाया जा सके। लेकिन, हर जगह से सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नही हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी कक्षाओं की भी सिंतबर में परीक्षाएं करवाने जा रहा हैए जबकि इन कक्षाओं के अभी तो 40 प्रतिशत सिलेबस भी पूरा नही हुआ है जोकि छात्र समुदाय के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है। इसे एसएफआई बर्दाश्त नही करेगी। एसएफआई मांग करती है कि सभी छात्रों को पिछले अकादमिक रिकार्ड्स के आधार पर प्रमोट किया जाए। अन्यथाए आने वाले समय मे इस आंदोलन को प्रदेश व्यापी आंदोलन बनाया जाएगा। जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।