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पालमपुर। पूर्व सीएम और कांगड़ा चंबा के वर्तमान लोकसभा सांसद शांता कुमार ने बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाई जा रही भर्ती प्रक्रिया बारे एक विस्तृत पत्र सीएम वीरभद्र सिंह को लिखा है। उन्होंने कहा है कि पूरा प्रयत्न करने पर भी सरकार सब को नौकरी नहीं दे पा रही है, देना संभव भी नहीं है. परन्तु किसी भी कारण से बेरोजगार युवकों का प्रत्यक्ष या परोक्ष शोषण नहीं होना चाहिए। इस संबंध में एक चिंताजनक विषय उनके ध्यान में आया है। उसी संबन्ध में उन्होंने यह पत्र सीएम को लिखा है। उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा कांगड़ा सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक में कुछ पदों को भरने के लिए प्रार्थना पत्र आमंत्रित किए थे। लगभग 92000 युवकों ने प्रार्थना पत्र दिए और उन से लगभग कुल 3 करोड रुपये की राशि प्राप्त की। शिक्षा विभाग द्वारा साक्षात्कार सम्बन्धि सारी व्यवस्थाओं पर लगभग 26 लाख रुपये की राशि खर्च की गई। इस का सीधा सा अर्थ यह है कि इस साक्षात्कार की पूरी प्रतिक्रिया में बोर्ड ने लगभग पौने तीन करोड़ का लाभ अर्जित किया।
हजारों बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा है कि नौकरी न मिलने की निराशा एक तरफ और आने-जाने का तथा प्रार्थना पत्र के शुल्क का आर्थिक बोझ दूसरी तरफ। सरकार के सभी विभागों में इस प्रकार के साक्षात्कार होते रहते हैं। बेरोजगार नौजवान आते हैं, साक्षात्कार में शामिल होते हैं और निराश होकर घर वापस चले जाते हैं। शांता कुमार ने कहा है कि बेरोजगार नौजवानों के साक्षात्कार में इस प्रकार कमाई करना एक बहुत बड़ा चिंताजनक विषय है।
यदि प्रार्थना पत्र शुल्क लेना ही है तो उतना ही लिया जाए, जितना कि विभाग द्वारा इस पर खर्च किया जाना है। इसे भी कमाई का साधन बनाना किसी भी तरीके से सरकार को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि यह सारी जानकारी एक बेरोजगार नौजवान के अभिभावक द्वारा आरटीआई के माध्यम से शिक्षा विभाग से प्राप्त की है, जिसकी प्रति भी उन्होंने सीएम को भेजी है।
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