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इनसानी दखल ने समुंद्र में मचाई तबाही, 70 फीसदी घट गई शार्क की आबादी
Last Updated on February 1, 2021 by Sintu Kumar
इनसान का दखल धरती ही नहीं समुंद्र (Sea) में भी बेतहाशा बढ़ता जा रहा है। इनसानी दखल (Human Intervention) से कई वन्य जीवों की प्रजातियां (Species) तो विलुप्त हो चुकी हैं, जबकि कई विलुप्ति (Extinction) की कगार पर जा पहुंची है। समुंद्र में भी इनसान की कितना दखल बढ़ चुका है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब शार्क (Shark) मछलियों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है। एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इनसान का दखल यूं ही बदस्तूर जारी रहा तो समुंद्र से शार्क मछलियां ही गायब हो जाएंगी।
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वैज्ञानिकों के द्वारा हाल ही में एक रिसर्च की गई है। इस रिसर्च के मुताबिक 1970 के बाद से दो प्रजातियों में भारी गिरावट देखी गई है। शार्क और रे मछलियों की आबादी में बीते 20 साल में 71 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार शार्क और रे मछलियों की 31 प्रजातियां है, जिसमें 24 प्रजातियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ चुका है। इसका कारण समुंद्र में बेतहाशा मछली पकड़ना। रिसर्च में कहा गया है कि बीते 50 साल में हिंद महासागर में शार्क मछलियों की आबादी में 84.7 फीसदी की गिरावट हुई है। साथ ही ओशेनिक वाइटटिप और ग्रेट हैमरहेड शार्क प्रजाती भी विलुप्त होने की कगार में पहुंच चुकी है।
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कनाडा की सिमोन फ्रासेर यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटेर के वैज्ञानिकों ने इस बाबत शोध किया है। इस रिसर्च में ये बात सामने आई है कि 1970 से लेकर अब तक मछली पकड़ने का दबाव 18 गुना बढ़ा है। ऐसे समुद्र का इको सिस्टम भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसी वजह से कई जलीय जीव तो विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक जल्द ही इस बाबत कदम नहीं उठाए गए तो इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।