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देश में कांग्रेस पार्टी( Congress Party) के वर्तमान हालत को देखते हुए पार्टी के नेताओं ने पूर्णकालिक अध्यक्ष ( Fulltime president) की मांग उठानी शुरू कर दी है। संदीप दीक्षित के बाद शशि थरूर ने भी पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष खोजने की प्रक्रिया तेज करने की जरूरत बताई है। वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना है कि पार्टी को जल्द नए अध्यक्ष की खोज करनी होगी। पार्टी के दिशाहीन होने की अवधारणा तोड़ने के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष खोजने की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया गांधी से अनिश्चितकाल के लिए अंतरिम अध्यक्ष का बोझ उठाने की उम्मीद करना अनुचित है।
थरूर ने यह बात ऐसे समय में कही है जब सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi) अंतरिम अध्यक्ष के रूप में 10 अगस्त को एक साल हो जाएगा। थरूर ने कहा कि वे मामते हैं कि अब नेतृत्व को लेकर स्पष्ट होना चाहिए। पिछले साल सोनिया गांधी की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया था, लेकिन उनका यह मानना है कि यह अनुचित है कि हम उनसे अनंत समय तक इस बोझ को उठाए रखने की उम्मीद करें।
थरूर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी में पार्टी को लीड करने की क्षमता है, लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो पार्टी को नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एक्शन लेने की जरूरत है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी का एक खेमा दोबारा राहुल गांधी की उस पद पर ताजपोशी चाहता है, जिसे उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद त्याग दिया था। मेरी निजी राय है कि सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यसमिति) और अध्यक्ष पद के चुनाव से पार्टी को कई फायदे होंगे। थरूर ने कहा कि वे किसी व्यक्ति के बारे में नहीं, बल्कि एक सिस्टम के बारे में बात कर रहे हैं जिससे कांग्रेस नेतृत्व का संकट खत्म कर सकती है। उन्होंने कहा, “लॉकडाउन में अपनी गतिविधियों से, चाहे वह कोविड-19 वायरस पर हो या चीनी घुसपैठ पर, राहुल गांधी ने निसंदेह अकेले ही वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। इससे पहले कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी थरूर से मिलती जुलती बात कही थी। संदीप दीक्षित का कहना था कि पार्टी में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। यदि इस समय पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिलता है तो बहुत देर हो जाएगी। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) को प्राथमिकता के आधार पर पहले ही पार्टी नेतृत्व के मसले का समाधान कर लेना चाहिए। दीक्षित ने कहा था कि कांग्रेस में असमंजस की भवना है और महसूस किया जा रहा है कि पार्टी को आगे ले जाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष के साथ ही अपना काम करना होगा।
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