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संकट में रिज की शान!
Last Updated on December 12, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। में सैकड़ों लोग सैलानियों से आमदनी कमाते हैं। इस इलाके के बहुत से लोग सैलानियों को घोड़े की सवारी करवाकर रोजी-रोटी कमाते हैं। लॉकडाउन के चलते घोड़ा मालिकों को बेरोजगार होकर घर बैठेने को मजबूर होना पड़ा। इस दौरान घोड़ों का दाना व घास खिलाने में भारी मुश्किलें पेश आईं। कमाई का साधन न होने से घोड़ों को खुले में छोड़ा गया और इस दौरान पर्याप्त खुराक न मिलने से कई घोड़ों की जानें भी गई। हालांकि, लॉकडाउन खुलने पर रिज मैदान पर एक बार फिर से घोड़ों की टाप सुनाई दी। मगर कई महीने पर्यटक कोरोना के डर से हिमाचल नहीं आए और जब आना शुरू हुए तो कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन ने घोड़ा मालिकों पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी। अब घोड़ा मालिकों की मांग है कि प्रशासन पर्यटकों को फोटो खिंचवाने की इजाजत दें, ताकि पर्यटक घोड़ों पर बैठकर रिज मैदान सैर करने में रुचि दिखाएं। घोड़ा मालिकों का कहना है कि कोरोना काल से पहले हर घोड़ा मालिक करीब दो हजार
की कमाई कर लेता था, जिसमें से 600 के करीब घोड़े के चारे पर खर्च किये जा सकते थे। मगर आजकल मुश्किल से ज्यादा से ज्यादा 400 रुपये की कमाई हो पाती है।