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शिमला। जिला में नशे की लगातार बढ़ रही प्रवृति से बच्चों और युवाओं को दूर रखने के लिए अब पुलिस स्कूलों के रुख करेगी। पुलिस स्कूली बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के साथ बैठक करेगी और उन्हें इसके प्रति जागरूक करेगी और कैसे बच्चों को नशे के जाल से और साइबर क्राइम से बचाना है, उसके बारे में टिप्स देगी। शिमला से एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने इस संबंध में राजधानी के सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों को पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने लिखा है कि स्कूल में जब वे पेरेंट-टीचर्स मीटिंग (पीटीएम) करवाएंगे तो पुलिस के ऑफिसर को भी उस मीटिंग में जरूर बुलवाएं। इसके पीछे सोच यह है कि स्कूली बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को नशे के लगातार बढ़ते चलन से रोकने और कैसे पता लगाएं कि उनका बेटा-बेटी इसकी चपेट में आया है।
उसके लक्षणों को लेकर भी पुलिस अभिभावकों को जागरूक करवाएगी। पुलिस नशे के खिलाफ चलाई गई अपनी मुहिम में अभिभावकों का भी साथ चाहती है, क्योंकि इस जंग को लड़ने में उनकी अहम भमिका है। नशे से बच्चों को दूर रखने के लिए अभिभावकों का ही अहम रोल है और पुलिस उनकी मदद को वहां उनके साथ खड़ी है। पुलिस अभिभावकों और बच्चों और खासकर लड़कियों को साइबर क्राइम के प्रति सचेत करना चाहती है। सोशल मीडिया में फोटो अपलोड करने के बाद कई शातिर इसका दुरुपयोग करते हैं और लड़की फिर साइबर क्राइम की शिकार हो जाती है। इससे बचने को लेकर पुलिस अभिभावकों को जानकारी देगी। एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि उन्होंने शिमला के सभी स्कूलों के प्रिंसीपलों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने लिखा है कि जब उनके स्कूल की पीटीएम हो तो पुलिस के ऑफिसर को भी जरूर बुलाए। उन्होंने कहा कि पुलिस तीन मुद्दों पर अभिभावकों से चर्चा करना चाहती है। इसमें पहला कि स्कूल को बच्चे को ओवरलोडिंग टैक्सी में न भेजें। क्योंकि ओवरलोड के चलते कभी भी कोई हादसा हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचा जाए, ताकि बच्चा सुरक्षित रह सके।
दूसरा, पुलिस स्कूली बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए अभिभावकों से सहयोग मांगेगी। अभिभावकों को ड्रग्स की लगातार बढ़ रही आदत से बच्चों को दूर रखने के लिए अभिभावकों को जागरूक करेगी और उन्हें बताएगी कि कैसे इससे बचना है। इसके साथ-साथ पुलिस उनसे नशे के खिलाफ चल रही उनकी मुहिम में भी सहयोग मांगेगी। नेगी ने कहा कि तीसरा अहम मुद्दा साइबर क्राइम का है। इसे लेकर खासकर लड़कियों को जागरूक करना है। अक्सर लड़कियां सोशल मीडिया में अपनी फोटो अपलोड करती हैं और कई बार शातिर इसका दुरुपयोग करते हैं। ऐसे में एहतियात बरतनी जरूरी होती है। इसके प्रति उन्हें जागरूक किया जाना जरूरी है। उनका कहना था कि स्कूली बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने से नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद मिलेगी और बच्चों का भविष्य़ भी सुरक्षित होगा।
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