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नई दिल्ली। शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र ‘सामना’ (Samna) में लिखा है कि जब दिल्ली में 38 लोग मारे गए उस समय केंद्र का आधा मंत्रिमंडल अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को ‘नमस्ते, नमस्ते साहेब!’ कहने गया था। इसमें लिखा है, ‘देश का विपक्ष बेबस है, वरना सरकार की गर्दन पर बैठकर सवाल पूछा गया होता कि 38 लोगों की बलि चढ़ी या उन्हें बलि चढ़ाने दिया गया।’
जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर पर उठाए सवाल, शाह पर तंज
वहीं जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर पर शिवसेना ने लिखा कि सरकार ने न्यायालय द्वारा व्यक्त किए गए ‘सत्य’ को मार दिया। न्यायालय को भी सत्य बोलने की सज़ा मिलने लगी है क्या? इस मसले पर सामना में आगे लिखा गया कि न्यायमूर्ति मुरलीधर ने गलत क्या कहा? उन्होंने सत्य ही तो कहा न 24 घंटों में न्यायाधीश मुरलीधर के तबादले का आदेश राष्ट्रपति भवन से निकल गया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में आगे लिखा है कि दिल्ली चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) घर-घर जाकर पर्चे बांट रहे थे लेकिन जब यही दिल्ली हिंसा की आग में जल रही थी तब वह कहीं नहीं दिखे।
शिवसेना ने आगे लिखा, ‘प्रधानमंत्री ने 3 दिन बाद शांति की अपील की एनएसए अजीत डोभाल चौथे दिन सड़कों पर चर्चा करते दिखे इससे क्या होगा।’ वहीं ‘सामना’ में बीजेपी के अनुराग ठाकुर, (Anurag Thakur) प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा का ज़िक्र करते हुए दिल्ली हिंसा पर लिखा गया कि देश की अर्थव्यवस्था साफ तौर पर धराशायी हो रही है, लेकिन भड़काऊ भाषण का निवेश और बाज़ार ज़ोरों पर चल रहा है।’ इसमें लिखा, ‘राष्ट्रवाद का उन्माद और धर्मांधता की मदमस्ती देश को 300 साल पीछे धकेल रहे हैं।’
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