- Advertisement -
कहा जाता है कि उस दिन के बाद से श्रीकृष्ण का दिल जगन्नाथ जी की प्रतिमा के अंदर ही है। बताया जाता है कि हर 12 साल में भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा बदली जाती है लेकिन उस दिल पर किसी की नजर नहीं पड़ पाती। प्रतिमा के बदले जाने की प्रक्रिया को ‘नवा-कलेवर’ कहा जाता है।
उस प्रतिमा को तैयार करने वाले जब उस लट्ठ को नई मूर्ति में रखते हैं उनके आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है। इसके साथ ही हाथों पर भी कपड़ा बांध दिया जाता है, साथ ही बिजली भी बंद कर दी जाती है ताकि अंधेरा रहे और कोई अन्य दिल को नहीं देख सके। ऐसा इसलिए कियाजाता है क्योंकि इस दिल को देखने वाले की मौत हो जाती है।
- Advertisement -