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किसी भी देश के आतंरिक युद्ध अपने साथ बहुत सारा विनाश भी लेकर आते हैं। कई लोगों की जानें जाती हैं कई बेघर हो जाते हैं और कई परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। ऐसे ही तीन भाई-बहन 47 साल बाद मिले तो उनकी धुंधली आंखों में आंसू छलक आए।
ये मामला है कंबोडिया (Cambodia) का जहां 47 साल बाद तीन भाई-बहन मिले। इन तीनों को लगता था कि इनमें से किसी एक का निधन हो गया होगा। इन्होंने एक दूसरे से आखिरी बार मुलाकात साल 1973 यानी कंबोडिया में कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) यानी खमेर रूज का शासन आने के दो साल पहले हुई थी। कंबोडिया में कम्यूनिस्ट पार्टी साल 1975 में सत्ता में आई और इसके बाद करीब दो साल तक चले संघर्ष में कम से कम 20 लाख लोग मारे गए। यह संघर्ष साल 1979 तक चला। 2004 में इन्हें मिलाने के लिए स्थानीय एनजीओ चिल्ड्रन्स फंड ने पहल की। एनजीओ को बन का भाई, बड़ी बहन एक गांव में मिले, जिसके बाद हाल ही में इन तीनों की मुलाकात करवाई गई।
पोल पॉट के शासन में बन के पति का देहांत हो गया। वह लंबे समय तक कचरा बीन कर पेट पालती रही और पड़ोसियों के बच्चों की देखभाल भी की। बन ने बताया कि उसने अपना गांव छोड़ दिया था। कभी पलट कर वापस नहीं देखा। उसे लगा था कि उसके भाई-बहन मर गए। बन ने कहा कि वह अपने भाई-बहन से मिल कर खुश हैं। गौर हो कि तानाशाह पोल पॉट और उसकी सेना ने साल 1975 में कंबोडिया की सत्ता पर कब्जा किया था। इसके बाद साल 1976 में नई कम्यूनिस्ट सरकार के पीएम पोल बने। इस कार्यकाल को खमेर रूज के नाम से जाना जाता है। कंबोडिया में खमेर की सरकार चार साल तक चली। इस दौरान वहां हत्याओं का जो दौर चला जिसे 20वीं सदी के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक माना जाता है।
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