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कुल्लू। हिमाचल के कुल्लू (Kullu) जिला में सैंज घाटी की अति दुर्गम पंचायत शांघड़ में सड़क सुविधा ना होने के चलते एक बुजुर्ग ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने बुजुर्ग मरीज (sick elderly) को उपचार के लिए कुर्सी पर उठाकर उबड़ खाबड़ रास्तों से होते हुए कड़ी मशक्कत के बाद 8 किलोमीटर का पैदल सफर कर निहारनी पहुंचाया। यहां से मरीज को एक गाड़ी में सैंज अस्पताल में इलाज के लिए भेजा, लेकिन बुजुर्ग ने अस्पताल (Hospital) पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस घटना से ग्रामीणों में खासा रोष है। बता दें कि शनिवार सुबह करीब आठ बजे धारा लपाह गांव के 85 वर्षीय बुजुर्ग मने राम की तबीयत बिगड़ गई। ग्रामीण उन्हें कुर्सी पर उठाकर निहारनी ले आए। यहां से एक गाड़ी में बैठाकर सैंज की ओर रवाना हुए, लेकिन मने राम को नहीं बचाया जा सका।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क सुविधा ना होने के चलते कई लोगों को आधे रास्ते में जान गंवानी पड़ रही है। शाघंड पंचायत (Shanghad Panchayat) के दूर दराज के क्षेत्र में ग्रामीण आजादी के इतने साल बाद भी सड़क सुविधा का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के लिए कई बार सीएम, मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों से बात की, लेकिन हर वार आश्वासन ही दिया गया। आज के आधुनिक युग में भी ग्रामीणों को मरीजों को कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। शांघड़ पंचायत प्रधान सवित्रा देवी ने बताया कि कई बार सरकार व प्रशासन को सड़क के लिए प्रस्ताव पंचायत से भेजा गया, लेकिन अब तक किसी ने भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि कई बार गर्भवती महिला व बीमार लोगों ने आधे रास्ते में दम तोड़ा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि उन्हें जल्द सड़क सुविधा (road facility) से जोड़ा जाए अन्यथा ग्रामीणों को सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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