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High BP: आज की बिगड़ती जीवनशैली की वजह से लगभग हर पांचवां व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। विडंबना यही है कि भारत में इसको लेकर जागरूकता बेहद कम है जबकि अब तक यह महामारी का रूप ले चुका है। इसी के चलते हर पंद्रह मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। दरअसल पूरी दुनिया में एक चौथाई लोग 30 साल की उम्र तक पहुंचते- पहुंचते हाई बीपी के शिकार हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में यह बिना कोई लक्षण प्रकट किए बिना गुर्दे ,हृदय और रक्त धमनियों को क्षतिग्रस्त करता रहता है। इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि हाई ब्लडप्रेशर अनेक गंभीर बीमारियों को जन्म देने का कारण है।
ज्यादातर लोग इसका संबंध हृदय से जोड़ते हैं, पर इसका सबसे ज्यादा असर किडनी पर पड़ता है। हां, यह जरूर है कि लोग इसे नजरअंदाज करते रहते हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज हो जाए तो किडनी को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
यह चिंता जनक ही है कि भारत में 14 करोड़ लोग इसके शिकार हैं अब तो इसे साइलेंट किलर का नाम दे दिया गया है क्योंकि कई मामलों में इसका पता तब चलता है जब दिल का दौरा पड़ जाता है या गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं । साधारण सी बात है कि अगर हम हाई बीपी के मरीज हैं तो हमारे हृदय को अधिक काम करना पड़ता है।
इससे दिल कमजोर हो जाता है और दिल के दौरे समेत कई तरह के रोग हो सकते हैं। कई लोगों को चक्कर ,सिरदर्द,अनिद्रा तथा घबराहट जैसी शिकायतें होती हैं पर वे इसे गंभीरता से नहीं लेते । यह लापरवाही बनी रहती है जबतक उन्हें पहला हृदयाघात नहीं पड़ जाता । इस बीमारी से जल्दी निजात नहीं मिलती और सारी उम्र दवाइयां खानी पड़ती हैं। इस लिए जब भी ऐसे लक्षण महसूस हों तुरंत अपने डाक्टर से परामर्श कीजिए और उनकी सलाह से दवाइयां लें तथा उनके ही निर्देशों पर चलें। यकीन मानिए आपकी उम्र लंबी होगी।
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