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वित्त मंत्री का ऐलान- Agriculture के आधारभूत ढांचे के लिए एक Lakh करोड़, जानें और क्या-क्या मिला
Last Updated on May 15, 2020 by
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बीते बुधवार से लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज (Relief package) के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसी के तहत वह शुक्रवार को भी मीडिया से मुखातिब होते हुए राहत पैकेज की तीसरी किस्त के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कृषि सेक्टर (Agricultural sector) से संबंधित कई प्रमुख ऐलान किए।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपए के कषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की। इस विषय पर अधिक जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (एमएफई) को संगठित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए की योजना की भी घोषणा की। यह योजना दो लाख एमएफई की मदद के लिए शुरू की जाएगी।
किसानों के लिए किए गए अहम् ऐलान
1. कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए तमाम उपाय किए गए हैं। इस दौरान MSP खरीदारी के जरिए किसानों के हाथों में 74,300 करोड़ रुपए दिए गए। पीएम किसान योजना के तहत उनके खाते में 18,700 करोड़ रुपए जमा किए गए। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए के दावों की पूर्ति की गई।
2. कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ का ऐलान। वित्त मंत्री ने कहा कि अपने देश में कृषि उत्पादों के लिए भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है। उचित भंडारण नहीं होने के कारण अनाज को काफी नुकसान पहुंचता है।
3. किसानों को बेहतर मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन करेगी। अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू सहित कृषि खाद्य सामग्री को डी-रेग्युलेट किया जाएगा
4. किसानों की जोखिम रहित खेती, निश्चित आय और गुणवत्ता के मानकीकरण के लिए एक कानून बनाया जाएगा, यह कानून किसान को आकर्षक मूल्य पर उपज बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करेगा।
5. कृषि उपज मूल्य और गुणवत्ता पर किसान को आश्वासन प्रदान करने के लिए, किसानों को उचित और पारदर्शी तरीके से प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ जोड़ने के लिए सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा
6. ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा। इसके लिए 500 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छह महीने के लिए लागू किया जाएगा।
7. हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है। अगले दो सालों में 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल खेती का लक्ष्य रखा गया है। गंगा किनारे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। हर्बल खेती से किसानों को 5000 करोड़ रुपए की इनकम होगी।
मछली पालन से जुड़े अहम् ऐलान
1. मछली पालन को बूस्ट देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपए के प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को लॉन्च किया जाएगा। इस कदम से 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और 1 लाख करोड़ रुपये का दोहरा निर्यात होगा।
2. मत्स्य क्षेत्र को मदद मिल सके इसके लिए, मरीन कैप्चर फिशरीज और एक्वाकल्चर के संचालन में ढील दी गई है।
पशुपालन और डेयरी उद्योग के लिए अहम् ऐलान
1. वित्त मंत्री ने 15 हजार करोड़ रुपए के एनिमल हसबैंड्री इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट फंड की घोषणा की। इससे इस इंडस्ट्री में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को मदद मिलेगी। नीश प्रॉडक्ट्स के निर्यात के लिए प्लांट लगाने पर इन्सेंटिव मिलेगा।
2. देश में पशुधन को बढ़ाने के उद्देश्य से (भैंस, भेड़, बकरी और सुअर) 100% टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपए के कुल ‘राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई है। इस प्रोग्राम के तहत 53 करोड़ जानवरों को वैक्सीन दी जाएगी जिसमें 1.5 करोड़ गाय-भैंस शामिल होंगे।
3. लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग में 20-25 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में डेयरी उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने डेयरी को-ऑपरेटिव को राहत देते हुए वित्त वर्ष 2020-21 में ब्याज दर पर सालान 2 फीसदी राहत देने का फैसला किया है। इस स्कीम के जरिए 5000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी आएगी और 2 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा।