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शिमला। भारत सरकार और हिमाचल सरकार के संयुक्त उपक्रम एसजेवीएनएल नेपाल में 900 मेगावाट क्षमता की अरुण-3 पनबिजली परियोजन का निर्माण करेगा। रनव ऑफ द रीवर की यह परियोजना नेपाल की अरुण नदी पर सुंखवासभा जिले में बनेगी। केंद्रीय केबिनेट ने इस परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी। एसजेवीएन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आरएन मिश्र ने इस परियोजना को एसजेवीएन को देने पर केंद्र सरकार का आभार जताया है। मिश्र ने कहा कि इस परियोजना में 70 मीटर ऊंचा ग्रेविटी बांध बनेगा और बांध में एकत्र पानी 11.74 किमी. लंबी सुरंग से गुजरेगा। इस परियोजना में 225 मेगावाट क्षमता की 4 वर्टिकल फ्रांसिस जनरेटिंग यूनिट्स लगेगीं और वहां 900 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में विद्युत स्टेशन में वर्ष में 4018 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी।
इस परियोजना से 25 वर्ष तक नेपाल सरकार को 21.9 फीसदी बिजली निशुल्क मिलेगी और सरप्लस बिजली ढालकेबार, नेपाल से भारत के मुजफ्फरनगर को भेजी जाएगी। मिश्र ने कहा कि यह परियोजना, एसजेवीएन की सब्सिडरी कंपनी, एसजेवीएन अरुण-तीन पावर डेवल्पमेंट कंपनी (एसएपीडीसी) के माध्यम से निष्पादित की जाएगी। यह कंपनी पहले ही नेपाली कंपनी एक्ट के मुताबिक पंजीकृत हो चुकी है । उन्होंने कहा कि इस परियोजना की मई, 2015 के मूल्य स्तर पर अनुमानित लागत 5723.72 करोड़ रुपए है।
उन्होंने कहा कि एसजेवीएन ने इस परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बोली के माध्यम से प्राप्त किया था और इस परियोजना के संबंध में बूट आधार पर समझौता ज्ञापन नेपाल सरकार के साथ हस्ताक्षरित किया गया है। इस परियोजना में करीब 3000 व्यक्तियों के लिए रोजगार उपलब्ध होगा।
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